तेहरान: ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ ने गुरुवार को आगाह किया कि सऊदी अरब के तेल संयंत्रों पर हमले को लेकर यदि उनके देश पर हमला किया जाता है तो इसका नतीजा ‘युद्ध’ होगा। आपको बता दें कि अमेरिका और खाड़ी के उसके सहयोगी देशों ने सऊदी अरब के तेल संयंत्रों पर हुए हमलों के पीछे ईरान का हाथ होने का आरोप लगाया है। इस घटना के बाद से मध्य पूर्व में हालात एक बार फिर तनावपूर्ण हो गए हैं।
‘हम जंग नहीं चाहते हैं’
गुरुवार को CNN पर प्रसारित इंटरव्यू में विदेश मंत्री जरीफ से पूछा गया कि ईरान पर अमेरिका या सऊदी अरब के सैन्य हमले के क्या परिणाम हो सकते हैं। इस पर जरीफ ने कहा कि अगर ईरान पर हमला हुआ तो ‘जंग’ छिड़ जाएगी। उन्होंने कहा, ‘हम जंग नहीं चाहते हैं। हम सैन्य टकराव नहीं चाहते हैं।’ जरीफ ने चेताया कि इससे ‘बहुत लोग हताहत’ होंगे। विदेश मंत्री ने कहा, ‘लेकिन हम अपने क्षेत्र की रक्षा करने से भी हिचकेंगे नहीं।’
हूती बागियों ने ली थी जिम्मेदारी
गौरतलब है कि सऊदी अरब के तेल संयंत्रों पर शनिवार को हुए हमलों की जिम्मेदारी यमन में ईरान के समर्थन वाले हूती बागियों ने ली है। मगर अमेरिका का कहना है कि हमले में क्रूज मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया है जो ‘युद्ध की कार्रवाई’ के समान है। सऊदी अरब ने कहा है कि इसमें कोई शक नहीं है कि हमले ईरान द्वारा प्रायोजित हैं और जिन हथियारों का इस्तेमाल किया गया है, वे ईरान निर्मित हैं, लेकिन उसने अपने क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्वी को सीधे कसूरवार नहीं ठहराया है।
‘वे ईरान पर दोष मढ़ना चाहते हैं’
अमेरिका और सऊदी अरब के बयानों पर ईरान के विदेश मंत्री ने कहा है कि वे सिर्फ युद्ध के लिए व्याकुल हैं और इसीलिए इस तरह के आरोप लगा रहे हैं। जरीफ ने कहा, ‘वे कोई चीज हासिल करने के लिए ईरान पर दोष मढना चाहते हैं और इसलिए मैं कह रहा हूं कि यह युद्ध की व्याकुलता है, क्योंकि यह झूठ और छल पर आधारित है।’