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जापान समुद्र में करने जा रहा है ऐसा काम, जिसका विरोध कर रहे हैं मछुआरे, पड़ोसी देश और स्थानीय निवासी

जापान की सरकार ने मंगलवार को तय किया कि वह तबाह हो चुके फुकुशिमा परमाणु संयंत्र से शोधित रेडियोधर्मी पानी की बड़ी मात्रा को अगले दो वर्षों में प्रशांत महासागर में छोड़ना शुरू करेगा। 

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: April 13, 2021 11:29 IST
Japan to release radioactive water of Fukushima nuclear plant in Pacific Ocean जापान समुद्र में करने- India TV Hindi
Image Source : AP जापान समुद्र में करने जा रहा है ऐसा काम, जिसका विरोध कर रहे हैं मछुआरे, पड़ोसी देश और स्थानीय निवासी

टोक्यो. जापान की सरकार ने मंगलवार को तय किया कि वह तबाह हो चुके फुकुशिमा परमाणु संयंत्र से शोधित रेडियोधर्मी पानी की बड़ी मात्रा को अगले दो वर्षों में प्रशांत महासागर में छोड़ना शुरू करेगा। इस कदम का स्थानीय मछुआरों और निवासियों ने कड़ा विरोध किया है। लंबे समय से इस फैसले की अटकलें लगाई जा रही थी लेकिन सुरक्षा चिंताओं एवं विरोध के कारण इसमें देरी हुई।

अब यह फैसला कैबिनेट मंत्रियों की बैठक में लिया गया जिन्होंने पानी को महासागर में छोड़े जाने को ही बेहतर विकल्प बताया है। यहां जमा पानी को 2011 के बाद से फुकुशिमा दाइची संयंत्र में टंकियों में संग्रहित किया गया है जब भीषण भूकंप और सुनामी ने संयंत्र के रिएक्टरों को क्षतिग्रस्त कर दिया था और इनका पानी (कूलिंग वाटर) दूषित हो गया और इसका रिसाव होने लगा।

संयंत्र के संचालक, टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन ने कहा कि अगले साल के अंत तक इसकी भंडारण क्षमता पूर्ण हो जाएगी। प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा ने कहा कि महासागर में पानी छोड़ा जाना “सबसे व्यावहारिक” विकल्प है और फुकुशिमा संयंत्र को बंद करने के लिए पानी का निस्तारण “अपरिहार्य” है जिसमें कई दशक का वक्त लगने का अनुमान है।

तेपको और सरकार के अधिकारियों ने कहा कि ट्रिटियम को पानी से अलग नहीं किया जा सकता है जो कम मात्रा में हानिकारक नहीं होता है लेकिन अन्य सभी चयनित रेडियोन्यूक्लाइड्स का स्तर इतना कम किया जा सकता है कि वे पानी में छोड़ने लायक बन जाएं। कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि पानी की इतनी अधिक मात्रा से कम खुराक के संपर्क में आने से समुद्री जीवन पर पड़ने वाले दीर्घकालिक प्रभाव के बारे में अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है। 

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