यरुशलम: इस्राइल ने बुधवार को बताया कि उसने ‘मैसिव इंफ्लेटबल मिसाइल डिटेक्टर सिस्टम’ का परीक्षण शुरू किया है जो ऊंचाई पर लंबी दूरी से आ रहे खतरे का पता लगा सकता है। खास बात यह है कि इस्राइल के पास पहले ही जटिल मिसाइल रक्षा प्रणाली है जिसका सफलतापूर्वक इस्तेमाल उसने इस साल 11 दिन के गाजा पट्टी युद्ध में किया था। ‘हाई अवैलबिलिटी एयरोस्टैट सिस्टम’ विशाल विमान या जेपलिन (एक प्रकार का हवाई जहाज जो हल्की गैस से उड़ता है) की तरह दिखता है।
इस्राइल के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि यह दुनिया की अपनी तरह की सबसे बड़ी प्रणालियों में से एक है। इसे इस्राइल की सरकारी कंपनी ‘इस्राइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज’ ने अमेरिकी कंपनी टीसीओएम की साझेदारी से बनाया है। उल्लेखनीय है कि इस्राइल ने ईरान, लेबनान में सक्रिय चरपमंथी संगठन हिज्बुल्ला और गाजा में शासन कर रहे हमास के संभावित खतरे से निपटने के लिए हाल के वर्षों में आक्रामक रुख अपनाया है। ये तीनों ही इस्राइल के शहरों पर रॉकेट से हमला करने में सक्षम हैं।
गाजा युद्ध के दौरान हमास ने तेल अवीव की ‘आयरन डोम’ रक्षा प्रणाली को भेदने के लिए बड़ी संख्या में रॉकेट दागे थे लेकिन इस्राइल अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने 90 प्रतिशत रॉकेट को निष्क्रिय कर दिया। इस्राइल ने इसके जवाब में हवाई हमले किए और कहा कि वह आतंकवादियों को निशाना बना रहा है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक इस लड़ाई में 250 फिलिस्तीनियों की मौत हो गई जिनमें 129 आम नागरिक थे। इस दौरान 13 इस्राइलियों की भी जान गई।