यरूशलम: इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने संयुक्त राष्ट्र में उनके देश के पक्ष में मतदान करने के लिये अपने भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया है। संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक और सामाजिक परिषद में भारत ने एक फलस्तीनी समूह को पर्यवेक्षक का दर्जा नहीं दिये जाने के इजराइली प्रस्ताव का समर्थन किया है। भारत ने मंगलवार को अपने पूर्व के रुख से अलग हटते हुए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद (ईसीओएसओसी) में फलस्तीनी गैर सरकारी संगठन ‘शहीद’ को पर्यवेक्षक का दर्जा दिये नहीं दिये जाने के इजराइली प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया था। इजराइल के मुताबिक संगठन ने हमास के साथ अपने रिश्तों के बारे में खुलासा नहीं किया है।
नेतन्याहू ने छह जून को हुए मतदान के लगभग एक हफ्ते बाद बुधवार को किये गए एक ट्वीट में कहा, “संयुक्त राष्ट्र में इजराइल का साथ देने और उसके साथ खड़े रहने के लिये नरेंद्र मोदी का शुक्रिया, भारत का शुक्रिया।” यह पहला मौका है जब भारत ने संयुक्त राष्ट्र में किसी प्रस्ताव पर मतदान किया है जिसे इजराइल के पक्ष में देखा जा रहा है। पश्चिम एशिया शांति प्रक्रिया को लेकर भारत रुख एक समान और स्पष्ट रहा है।
संयुक्त राष्ट्र में ईसीओएसओसी मतदान के दौरान अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, भारत, जापान, ब्रिटेन, दक्षिण कोरिया और कनाडा ने इजराइल के पक्ष में मतदान किया जबकि चीन, रूस, सऊदी अरब, पाकिस्तान और अन्य ने इसके खिलाफ मतदान किया। फलस्तीनी एनजीओ ‘शहीद’ ने संयुक्त राष्ट्र में पर्यवेक्षक का दर्जा हासिल करने के लिये प्रस्ताव पेश किया था जो 28-14 मतों से खारिज हो गया।
भारत में इजराइली दूतावास की उप मिशन प्रमुख माया कडोश ने मंगलवार को एक ट्वीट में भारत का शुक्रिया अदा करते हुए कहा, “इजराइल के साथ खड़े रहने और आतंकी संगठन शहीद को संयुक्त राष्ट्र के पर्यवेक्षक का दर्जा देने की अपील को खारिज करने के लिए भारत का शुक्रिया। हम साथ मिलकर उन आतंकी संगठन के खिलाफ काम करते रहेंगे, जिनका मकसद नुकसान पहुंचाना है।” कुडोश ने कहा कि संगठन के हिज्बुल्ला और फलस्तीनी इस्लामिक जिहाद से संबंध हैं, जिन्हें 1997 में आतंकी संगठन घोषित किया गया था।