यरूशलम: इजराइल में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की गठबंधन सरकार के बजट पारित करने में विफल रहने पर संसद को भंग कर दिया गया है जिससे देश दो साल से भी कम समय में चौथे आम चुनाव के करीब पहुंच गया है। इसी के साथ असहज गठबंधन का करीब-करीब अंत हो गया। गठबंधन सरकार के सहयोगी और रक्षामंत्री बेनी गेंट्ज ने नेतन्याहू पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि अब बेहतर यही होगा कि देश में नए चुनाव कराए जाएं। गौरतलब है कि दिसंबर की शुरुआत में इस्राइली संसद को भंग करने के लिए विपक्ष द्वारा 120 सदस्यीय सदन में लाए गए प्रस्ताव के पक्ष में 61 वोट पड़े थे जबकि विरोध में 54 मत पड़े थे।
संसद भंग होने के बाद माना जा रहा है कि इजराइल में अगले साल मार्च में चौथी बार आम चुनाव कराए जाएं। बता दें कि बेंजामिन नेतन्याहू सरकार के पास 2020 बजट पारित करवाने के लिए महज कुछ ही घंटों का समय है, अगर सरकार इसमें नाकाम रहती है तो वैधानिक तौर पर संसद को भंग माना जाएगा और फिर चुनाव के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं रहेगा।
बता दें कि नेतन्याहू लिकुड पार्टी के अध्यक्ष हैं, जबकि गेंट्ज ब्लू एंड व्हाइट पार्टी से जुड़े हैं। अप्रैल में दोनों दलों ने एक साझा समझौते के तहत सरकार बनाई थी हालांकि, जल्द ही दोनों दलों के बीच मतभेद सामने आने लगे। गेंट्ज का कहना है कि बेंजामिन नेतन्याहू वादी खिलाफी कर रहे हैं लेकिन नेतन्याहू ने इन आरोपों को गलत बताया। वहीं हाल ही में गेंट्ज ने मांग की थी कि 2020 और 2021 दोनों को कवर करते हुए एक बजट पारित किया जाए, ताकि स्थिरता बनी रह सके लेकिन पीएम इसके लिए तैयार नहीं हुए। नेतन्याहू के समर्थकों का कहना है कि गेंट्स का यह प्रस्ताव केवल सरकार को अस्थिर करने की साजिश है। वो नेतन्याहू को हटाकर खुद प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं।