इस्लामाबाद: पाकिस्तान के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री फवाद चौधरी अक्सर भारत के खिलाफ अपनी बयानबाजियों को लेकर चर्चा में रहते हैं। वह ट्विटर के जरिए भारत पर लगातार फब्तियां कसने के जाने जाते हैं, यह और बात है कि उनकी ये हरकतें उल्टा उनके ऊपर ही भारी पड़ जाती हैं और वह मुश्किल में पड़ जाते हैं। प्रधानमंत्री इमरान खान के करीबी सहयोगी माने जाने वाले फवाद एक बार फिर मुश्किल में फंसे हैं, लेकिन इस बार उन्हें ट्विटर के विरोधियों ने नहीं बल्कि उनकी ‘अघोषित संपत्तियों’ ने मुश्किल में डाला है।
फवाद ने छिपाईं संपत्तियां
इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने फवाद को अपनी संपत्तियां घोषित न करने के लिए अयोग्य करार देने की मांग वाली अर्जी पर चुनाव आयोग और कानून मंत्रालय को नोटिस जारी किए हैं। इस्लामाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस अतहर मिनाल्लाह ने इस अर्जी पर सुनवाई की। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि चौधरी अब ईमानदार और सत्यवादी नहीं रहे क्योंकि उन्होंने झेलम में अपनी जमीनों की घोषणा नहीं की जिसके चलते अदालत को उन्हें संघीय मंत्री पद के लिए अयोग्य करार दे देना चाहिए। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि चौधरी ने चुनाव आयोग में नामांकन पत्र दाखिल करते हुए अपनी संपत्तियों को छिपाया।
नवाज शरीफ का भी आया जिक्र
इस पर चीफ जस्टिस ने वकील से पूछा कि क्या हाई कोर्ट को राजनीतिक मामलों में हस्तक्षेप करना चाहिए। वकील ने याद दिलाया कि पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के वरिष्ठ नेता जहांगीर खान तरीन को इसी मुद्दे पर अयोग्य करार दे दिया गया था। अदालत ने जवाब दिया कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज के ख्वाजा आसिफ को अयोग्य करार दे दिया गया था लेकिन बाद में पुन: बहाली कर दी गई थी। जीफ जस्टिस ने कहा, ‘अदालतों को संस्थानों के तौर पर राजनीतिक मामलों में शामिल नहीं होना चाहिए।’
ट्विटर पर नोंकझोंक में जुटे रहते हैं फवाद
आपको बता दें कि फवाद ने चंद्रयान-2 मिशन की आंशिक असफलता पर तंज कसते हुए रात से ही ट्वीट करने शुरू कर दिए थे। उनकी इस हरकत पर न सिर्फ ट्विटर पर मौजूद भारतीयों ने उनपर हमला बोला, बल्कि कई पाकिस्तानी नागरिकों ने भी उनकी खिंचाई की। फवाद को अक्सर किसी न किसी बात को लेकर भारत पर तंज कसते हुए देखा जा सकता है। इस चक्कर में वह कई ऐसी बातें भी बोल जाते हैं, जिनका हकीकत से कोई वास्ता नहीं होता।