काबुल: इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) ने पूर्वी अफगानिस्तान में हुए आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी ली है। इस विस्फोट में कम से कम 19 लोगों की मौत हो गई थी जिनमें ज्यादातर सिख और हिंदू शामिल थे। हमलावर ने जलालाबाद में राष्ट्रपति अशरफ गनी से मिलने के लिए गवर्नर आवास की तरफ जा रहे सिखों और हिंदू अल्पसंख्यक समुदायों के एक प्रतिनिधिमंडल को कल निशाना बनाया था। (भारत ने अफगानिस्तान में सिखों पर हुए ‘जघन्य और कायराना’ हमले की निंदा की )
लंबे समय से सिख समुदाय के नेता रहे अवतार सिंह खालसा की भी इस हमले में मौत हो गई। इसमें 20 अन्य लोग घायल हो गए थे। आज जारी एक बयान में आईएस ने कहा कि उसने ‘बहुईश्वरवादियों’ के एक समूह को निशाना बनाया।
कट्टरपंथी मुस्लिम देश में सिखों और हिंदुओं को भेदभाव का सामना करना पड़ता रहा है और पूर्व में भी इस्लामी चरमपंथियों ने उन्हें निशाना बनाया है जिसके चलते उन्हें अपना देश छोड़ दूसरे देश में वास करना पड़ा। इस समुदाय की संख्या 1970 के आस-पास 80,000 से ज्यादा थी लेकिन आज इनकी संख्या करीब 1,000 तक सीमित रह गई है।