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खून-खराबे के बाद सुस्त पड़े प्रदर्शनकारियों को हटाने में जुटे इराकी सुरक्षा बल

बगदाद में, सैंकड़ों प्रदर्शनकारी शनिवार की सुबह तहरीर स्कॉयर के पास जमा हो गए जबकि पुलिस आंसू गैस के गोले दाग पर उन्हें वहां से हटाने के प्रयास करती रही। 

Reported by: Bhasha
Published : October 26, 2019 18:30 IST
Iraq
Image Source : PTI Iraqi security forces fire tear gas while anti-government protesters try to break into the provincial council building during a demonstration in Basra.

बगदाद। इराकी सुरक्षा बलों ने बगदाद में सुस्त पड़े प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए शनिवार सुबह आंसू गैस के गोले छोड़े। एक अक्टूबर से शुरू हुई सरकार विरोधी रैलियों में, बगदाद और देश के शिया बहुल दक्षिण क्षेत्र में करीब 200 लोगों की मौत हो गई और हजारों लोग घायल हुए हैं।

इस हिंसा की पूरी दुनिया में निंदा हो रही है। इनमें से लगभग एक चौथाई यानि 42 लोगों की गोली लगने, आंसू गैस छोड़े जाने या सरकारी इमारतों या दफ्तरों को आग लगाने की वजह से मौत हुई। दक्षिण में हो रही रैलियों में प्रांतीय मुख्यालयों, सांसदों के कार्यस्थलों पर हमला कर नये सिरे से प्रदर्शन किए जाए रहे हैं लेकिन राजधानी में फिलहाल ऐसे हमले नहीं हो रहे हैं।

बगदाद में, सैंकड़ों प्रदर्शनकारी शनिवार की सुबह तहरीर स्कॉयर के पास जमा हो गए जबकि पुलिस आंसू गैस के गोले दाग पर उन्हें वहां से हटाने के प्रयास करती रही। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “बहुत हो गया- चोरी, लूट, गिरोह, माफिया जो कुछ भी। यहां से निकलिए, हमें एक कार्यशील देश देखने दें। हमें कुछ नहीं चाहिए, हमें बस जीने दें।”

तेल संपन्न इराक ओपीईसी का दूसरा सबसे बड़ा निर्माता है लेकिन विश्व बैंक के मुताबिक हर पांच में से एक व्यक्ति गरीबी रेखा के नीचे रह रहा है और युवाओं की बेरोजगारी दर 25 प्रतिशत है। बेरोजगारी की बढ़ती दरें और भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते एक अक्टूबर को व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए थे और सरकार किसी तरह की सुधार योजना की पेशकश कर लोगों के गुस्से को शांत करने में संघर्ष करती नजर आ रही है।

प्रधानमंत्री आदिल अब्देल महदी ने चालकों की नियुक्ति, पेंशन बढ़ाने और मंत्रिमंडल में फेरबदल समेत कई तरह के उपाय सुझाए। नये शिक्षा एवं स्वास्थ्य मंत्री बनाए गए। लेकिन प्रदर्शनकारी प्रभावित नहीं हुए। इराक की 60 प्रतिशत आबादी में 25 साल से कम उम्र के लोग हैं। इराकी संसद में प्रदर्शनकारियों की मांग, कैबिनेट के फैसलों और सुधारों को लागू करने पर शनिवार को चर्चा होगी।

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