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इराक में बेकाबू होते जा रहे हिंसक प्रदर्शनों में अब तक 60 लोगों की मौत, सरकार के इस्तीफे की मांग ने पकड़ा जोर

इराक में भ्रष्टाचार और बेरोजगारी के खिलाफ चल रहे हिंसक विरोध-प्रदर्शनों में कम से कम 60 लोगों की मौत हो चुकी है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : October 05, 2019 8:59 IST
Iraq protests: Death toll soars in 24 hours of demonstrations, powerful cleric urges government to q
Iraq protests: Death toll soars in 24 hours of demonstrations, powerful cleric urges government to quit | AP

बगदाद: इराक में भ्रष्टाचार और बेरोजगारी के खिलाफ चल रहे हिंसक विरोध-प्रदर्शनों में कम से कम 60 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, अशांति के बीच फायरब्रांड नेता नेता मौलाना मुक्तदा अल सद्र ने सरकार से इस्तीफा देने की मांग की है। इराकी मानवाधिकार आयोग ने शुक्रवार को बताया कि बगदाद और अन्य शहरों में पिछले 4 दिनों में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़प में अब तक कम से कम 5 दर्जन लोगों की मौत हो चुकी है। उन्होंने बताया कि इनमें बगदाद के एक ही अस्पताल में 18 लोगों की मौत भी शामिल है। इसके अलावा 1600 से अधिक लोग घायल हुए हैं।

‘सरकार को इस्तीफा दे देना चाहिए’

मुक्तदा अल सद्र ने एक बयान में कहा कि और अधिक मौतों से बचने के लिए ‘सरकार को इस्तीफा देना चाहिये और संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में मध्यावधि चुनाव कराए जाने चाहिए।’ उन्होंने कहा कि इराक के लोगों का खून बह रहा है और वह चुप नहीं रह सकते। गौरतलब है कि संसद में पूर्व शिया मिलिशिया नेता मुक्तदा अल सद्र के दल के सबसे अधिक सदस्य हैं। सद्र बयान ने प्रधानमंत्री अदेल अब्देल मेहदी पर दबाव बना दिया है जो अशांति को दूर करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इससे पहले शुक्रवार को शीर्ष आध्यात्मिक नेता अयातुल्ला अली सिस्तानी ने भी विरोध प्रदर्शन को अपना समर्थन दिया और सरकार से उनकी मांगों पर गौर करने को कहा।

Iraq protests: Death toll soars in 24 hours of demonstrations

प्रदर्शनों की आग इराक के बाकी हिस्सों में भी फैलती जा रही है। AP

पीएम अदेल अब्देल मेहदी पर बढ़ रहा दबाव
इराक की बहुसंख्यक शिया आबादी में सम्मानित सिस्तानी के समर्थन से प्रदर्शनकारियों में जश्न का महौल है, जिसका प्रदर्शन उन्होंने हर्ष फायरिंग कर किया, इसके साथ ही तीव्र हो रहे प्रदर्शनों को काबू करने की चुनौती का सामना कर रहे प्रधानमंत्री अदेल अब्देल मेहदी पर और दबाव बढ़ गया है। सिस्तानी ने सरकार से कहा कि लोगों की शिकायतों और प्रदर्शनों को और बढ़ने से रोकने के लिए सरकार को अब कदम उठाने की जरूरत है, इस संकट के समाधान के लिए स्पष्ट एवं व्यावहारिक कदम उठाने की जरूरत है, नहीं तो प्रदर्शनकारी और मजबूत होकर लौटेंगे।

rotestors wave flags and hold a poster of Lt. Gen. Abdul-Wahab al-Saadi during a protest in Tahrir

तहरीर स्क्वेयर पर अब्दुल वहाब अल सादी की तस्वीर के साथ झंडा लहराते प्रदर्शनकारी। AP

अपने कठोर रुख पर कायम हैं मेहदी
इस बीच प्रधानमंत्री मेहदी अपने कठोर रुख पर कायम हैं। उन्होंने शुक्रवार को सुरक्षाबलों की कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा कि वे अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप प्रदर्शनकारियों से निपट रहे हैं जबकि UN और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन ने इराक सरकार और सुरक्षा बलों को शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के अधिकारों का सम्मान करने को कहा। सिस्तानी के इस रुख को मेहदी सरकार के लिए झटका माना जा रहा है क्योंकि इराक में राजनीतिक संकट के दौरान शीर्ष शिया नेता लगातार अंतिम मध्यस्थ की भूमिका निभाते रहे हैं।

Anti-government protesters set fires and close a street during a demonstration in Baghdad

बगदाद में प्रदर्शन के दौरान आगजनी करते प्रदर्शनकारी। AP

धार्मिक यात्राओं को टालने की सलाह
सिस्तानी ने ही 2014 में प्रधानमंत्री नूरी अल मालिकी की सरकार को सत्ता से बेदखल करने पर मुहर लगाई थी। इस बीच ईरान ने अपने नागरिकों को इराक स्थित शिया धार्मिक स्थलों की यात्रा को स्थिति सामान्य होने तक टालने की सलाह दी है।

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