बगदाद: इराक के प्रधानमंत्री हैदर अल आब्दी को अमेरिकी विदेशमंत्री रेक्स टिलरसन का एक बयान कुछ खास पसंद नहीं आया है। आब्दी ने टिलरसन से बगदाद में मुलाकात की और इराक में ईरानी मिलिशिया की मौजूदगी पर विदेशी मंत्री की टिप्पणी को चुनौती दी। रविवार को रियाद में टिलरसन ने इराक में मौजूद ईरानी मिलिशिया से घर वापस जाने को कहा था क्योंकि इस्लामिक स्टेट के खिलाफ जंग खत्म हो रही है। उनकी टिप्पणी पर बगदाद ने तीखी प्रतिक्रिया दी।
हैदर अल आब्दी के दफ्तर से सोमवार को जारी हुए एक बयान बयान में कहा गया है कि हशद अल-शाबी के लड़ाके इराकी हैं जिन्होंने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ी है। इसमें लिखा है कि इन लड़ाकों ने अपने मुल्क की हिफाजत की और इस्लामिक स्टेट को हराने में कुर्बानी दी है। गौरतलब है कि इस्लामिक स्टेट के उत्तरी इराक के इलाकों पर सरकारी बलों को खदेड़ कर कब्जा करने के बाद वर्ष 2014 में 60,000 की संख्या वाले मजबूत हशद का गठन किया गया था।
आब्दी ने कहा कि हशद एक संस्था है जो इराक पर निर्भर है और संविधान कानून के बाहर के सशस्त्र बलों की मौजूदगी की इजाजत नहीं देता है। इराक की कैबिनेट ने सोमवार को जोर देकर कहा कि जिन अर्द्धसैनिक बलों ने इस्लामिक स्टेट को हराने में उनकी मदद की वह पूरी तरह से इराकी हैं। अमेरिकी विदेशमंत्री टिलरसन को कड़ा संदेश देते हुए इराकी कैबिनेट ने कहा कि किसी को भी इराकी मामलों में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है।