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ईरान: विरोध-प्रदर्शनों पर सरकार सख्त, कहा- प्रदर्शनकारियों को कीमत चुकानी होगी

ईरान में लगातार 3 दिन से चल रहे प्रदर्शन में 2 लोगों के मारे जाने और दर्जनों के गिरफ्तार होने के बाद सरकार ने चेतावनी दी कि प्रदर्शनकारियों को इसकी ‘कीमत चुकानी’ होगी...

Reported by: Bhasha
Published : December 31, 2017 19:18 IST
Iran Protest | AP Photo
Iran Protest | AP Photo

तेहरान: ईरान में लगातार 3 दिन से चल रहे प्रदर्शन में 2 लोगों के मारे जाने और दर्जनों के गिरफ्तार होने के बाद सरकार ने चेतावनी दी कि प्रदर्शनकारियों को इसकी ‘कीमत चुकानी’ होगी। सोशल मीडिया पर वीडियो में दिखा कि हजारों लोग देश में मार्च कर रहे हैं। दोरूद शहर के एक अधिकारी ने पुष्टि की कि प्रदर्शन के दौरान 2 लोग मारे गए लेकिन उन्होंने इस बात से इनकार किया कि सुरक्षाबलों ने भीड़ पर गोलीबारी की थी। लोरेस्तान प्रांत के डिप्टी गवर्नर हबीबुल्लाह खोजास्तेहपुर ने सरकारी टेलीविजन पर कहा, ‘विपक्षी समूहों के आह्वान पर काफी संख्या में लोगों ने प्रदर्शन में हिस्सा लिया। दुर्भाग्य से इन संघर्षों में दोरूद के दो नागरिक मारे गए। पुलिस, सेना या सुरक्षाबलों ने लोगों पर कोई गोली नहीं चलाई।’

सोशल मीडिया पर वीडियो में इशफहान, मशहाद और कई छोटे शहरों में प्रदर्शन होते दिखाया गया लेकिन आने-जाने पर प्रतिबंध और सरकारी मीडिया द्वारा इसकी सीमित कवरेज के कारण खबरों की पुष्टि नहीं हो सकी। अर्द्ध सरकारी संगठनों ने तेहरान में एक टाउन हॉल पर शाम के समय हमला होने की पुष्टि की और दिखाया कि देश के अन्य हिस्सों में प्रदर्शनकारियों ने बैंकों और नगर निगम के भवनों पर हमले किए। ईरान के गृहमंत्री अब्दुल रहमान रहमानी फाजली ने सरकारी टेलीविजन पर कहा, ‘सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों, व्यवस्था को ध्वस्त करने वालों और कानून तोड़ने वालों को उनके व्यवहार के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए तथा उन्हें कीमत चुकानी होगी।’ उन्होंने कहा कि फैल रही हिंसा, डर और आतंक का निश्चित तौर पर मुकाबला किया जाएगा। 

वर्ष 2013 में सत्ता में आए ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी ने घटनाक्रम पर अभी कोई बयान नहीं दिया है। प्रदर्शनों की शुरुआत जीवनयापन की बढ़ती लागत और चरमराती अर्थव्यवस्था को लेकर बृहस्पतिवार को मशहद में हुई और फिर यह देश के अन्य हिस्सों तक पहुंच गई। इस दौरान ‘तानाशाह को मौत’ जैसे नारे सुनाई दिए। ईरान के अधिकारियों ने कहा कि सोशल मीडिया पर ज्यादातर खबरें क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्वी सऊदी अरब और यूरोप स्थित निर्वासित समूहों की ओर से फैलाई जा रही हैं। वहीं, शांति का नोबेल पुरस्कार प्राप्त ईरानी अधिवक्ता शिरीन एबादी ने कहा कि ईरान में अशांति ‘एक बड़े आंदोलन की शुरुआत’ है और यह 2009 के प्रदर्शनों से ज्यादा व्यपाक हो सकती है। एबादी ने इतालवी अखबार ‘ला रिपब्लिका’ से कहा, ‘मेरा मानना है कि प्रदर्शन जल्द खत्म नहीं होने वाले। मुझे ऐसा लगता है कि हम एक बड़े आंदोलन की शुरुआत देख रहे हैं जो 2009 की ग्रीन वेव से आगे जा सकती है। यदि कुछ बड़ा हो जाता है तो मुझे आश्चर्य नहीं होगा।’ एबादी इस समय लंदन में निर्वासन में रहती हैं।

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