तेहरान: अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु कार्यक्रम को लेकर पिछले कई सालों से तनातनी चल रही है। अब ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन ने कहा है कि अगर अमेरिका परमाणु समझौता खत्म करता है तो वह 5 दिन के भीतर उच्च स्तरीय यूरेनियम संवर्धन फिर से शुरू कर सकता है। यदि ईरान ऐसा करता है तो वह परमाणु हथियार बनाने के काफी करीब पहुंच जाएगा। संगठन के प्रमुख अली अकबर सलेही ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘अगर हम एक संकल्प लेते हैं तो 5 दिनों में हम फोर्दो परमाणु संयंत्र में 20 फीसदी संवर्धन बढ़ा सकते हैं। जाहिर है हम नहीं चाहेंगे कि ऐसा कुछ हो क्योंकि हमने JCPOA परमाणु समझौता हासिल करने में काफी कोशिशें की हैं।’
वर्ष 2015 में दुनिया के शक्तिशाली देशों के साथ हुए परमाणु समझौते में ईरान द्वारा परमाणु कार्यक्रम पर लगाम लगाने के बदले में उस पर लगाए प्रतिबंधों को कम किया गया। इसमें यूरेनियम संवर्धन 20 फीसदी या उससे ज्यादा बढ़ाने पर प्रतिबंध लगाना भी शामिल है। यूरेनियम संवर्धन 20 फीसदी या उससे ज्यादा बढ़ाना ऐसी प्रक्रिया है जिसमें ईरान परमाणु हथियार के लिए आवश्यक स्तर के करीब पहुंच जाएगा। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने अभियान के दौरान बार-बार परमाणु समझौता खत्म करने की धमकी देते रहे हैं और जब ईरान ने मिसाइल परीक्षण किए और अमेरिका ने नए प्रतिबंध लागू किए तो ट्रंप पर दबाव बढ़ गया है। हालांकि दोनों देश एक-दूसरे पर समझौते की भावना का उल्लंघन करने का आरोप लगाते रहते हैं।
इससे पहले ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने चेतावनी दी थी कि अगर अमेरिका नए प्रतिबंध लगाना जारी रखता है तो ईरान वर्ष 2015 में वैश्विक शक्तियों के साथ हुए परमाणु समझौते को चंद घंटों में छोड़ सकता है। इस संधि के तहत कहा गया था कि यदि ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम पर नियंत्रण करता है तो उसके अधिकतर अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों को हटा लिया जाएगा। रूहानी ने यह बयान ईरान द्वारा मिसाइल परीक्षण और हमले किए जाने और वॉशिंगटन की ओर से नए प्रतिबंध लगाए जाने के बाद दिया था।