नई दिल्ली: ईरान के अधिकारियों ने दावा किया है कि सुरक्षा एजेंसियों ने सीआईए के लिए जासूसी करने के मामले में 17 संदिग्धों को गिरफ्तार किया है और उनमें से कुछ को मौत की सज़ा दी गई है। सीआईए के लिए जासूसी करने वाले गिरोह का पिछले महीने भांडाफोड़ किया गया था। राजधानी तेहरान में ईरानी खुफिया मंत्रालय में गुप्तचर रोधी महकमे के प्रमुख ने बताया कि सुरक्षा एजेंसियों ने सफलतापूर्वक सीआईए जासूसी नेटवर्क को ध्वस्त कर दिया है।
उनकी पहचान का खुलासा नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने जानबूझकर देश के साथ गद्दारी की है, उन्हें न्यायपालिका के हवाले कर दिया गया है। कुछ को मौत की सजा दी गई है तो अन्य को लंबे समय तक कारावास में रहने का दंड दिया गया है। यह घोषणा ऐसे में समय हुई है जब अमेरिका-ईरान के बीच संबंध तनावग्रस्त हैं।
वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के दावे को नकारते हुए इसे पूरी तरह झूठा करार दिया है। ट्ंरप ने ट्वीट किया, "ईरान के सीआईए के जासूसों को गिरफ्तार करने की खबरें पूरी तरह झूठी। इनमें कोई सच्चाई नहीं है।"
उन्होंने लिखा, "बुरी तरह असफल धार्मिक शासन का और अधिक झूठ और दुष्प्रचार (ड्रोन मार गिराने जैसा)। उसे नहीं पता कि क्या करना है।" ट्रंप ने कहा, "उनकी अर्थव्यवस्था दम तोड़ चुकी है और उसकी इससे भी बुरी हालत हो जाएगी। ईरान पूरी तरह तबाह हो चुका है।"