तेहरान: ईरान ने शनिवार को मान लिया कि उसकी सेना ने मानवीय चूक के चलते ‘अनजाने में’ यूक्रेन के विमान को मार गिराया था। इस घटना में प्लेन में सवार सभी 176 लोगों की मौत हो गई थी। ईरान की सेना ने दावा किया है कि प्लेन उनके मिलिटरी एरिया की तरफ बढ़ रहा था, जिससे उन्होंने उसे दुश्मन का विमान समझा और यह गलती हो गई। हालांकि कुछ रिपोर्ट्स ईरान के दावे से अलग कहानी बयां कर रही हैं, जिससे लगता है कि घटना का पूरा सच अभी सामने नहीं आया है।
यूक्रेन ने कहा, अब हमें हर्जाना दो
वहीं, ईरान के द्वारा अपनी गलती मानी जाने के बाद यूक्रेन ने बेहद तीखी प्रतिक्रिया दी है। यूक्रेन ने कहा है कि अब जबकि सच सामने आ गया है, ईरान हमें मृतकों के शव सौंपे और हर्जाना भी दे। साथ ही यूक्रेन ने मामले की खुली जांच, दोषियों को सजा, राजनयिक चैनलों के माध्यम से आधिकारिक माफी की भी मांग की है। बता दें कि तेहरान से उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद यूक्रेन का यह प्लेन क्रैश हो गया था। अब ईरान ने माना है कि उसकी मिसाइलों ने ही विमान को गलती से निशाना बनाया था। वहीं, ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ ने अमेरिका पर इसका दोष मढ़ते हुए कहा कि उसके कारण बनी खराब परिस्थितियों में यह मानवीय भूल हुई।
ईरान के दावे पर उठ रहे सवाल
ईरान की आर्मी के मुताबिक, उन्होंने यूक्रेन के बोइंग को दुश्मन का प्लेन समझ लिया था। एक अधिकारी ने बताया कि अमेरिका द्वारा हमले के बाद उपजे हालात के बीच प्लेन मिलिटरी एरिया की तरफ मुड़ गया था। उसकी ऊंचाई और ऐंगल देखकर उसे दुश्मन का प्लेन समझ लिया गया और मिसाइल दाग दी गई। हालांकि ईरान के इस दावे पर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि बताया जा रहा है कि इस फ्लाइट के रास्ते में आसपास कोई भी मिलिटरी बेस नहीं दिखाई दिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्लेन अपने तय रास्ते पर आगे बढ़ रहा था और जहां विमान से संपर्क टूटा वहां एक पॉवर प्लांट और इंडस्ट्रियल पार्क है।
विमान में थे कई देशों के नागरिक
इससे पहले ईरान ने कई दिनों तक विमान को गिराने की बात से इनकार किया, लेकिन अमेरिकी और कनाडा ने कहा था कि उन्हें विश्वास है कि ईरान ने ही विमान को मार गिराया है। यह विमान यूक्रेन की राजधानी कीव जा रहा था। बुधवार को दुर्घटनाग्रस्त हुए इस विमान में ईरान के 82, कनाडा के 63, यूक्रेन के 11, स्वीडन के 10, अफगानिस्तान के 4, जर्मनी के 3 और ब्रिटेन के 3 नागरिक सवार थे। ईरान ने इस हादसे के लिए माफी मांगी है और कहा है कि भविष्य में ऐसी त्रासदी को रोकने के लिए वह अपनी प्रणाली को मजबूत करेगा। बयान में यह भी कहा गया है कि इस हमले के लिए जो भी दोषी हैं, उन पर मुकदमा चलाया जाएगा।