नई दिल्ली: ईरान ने एक बार फिर इराक में अमेरिकी ठिकानों पर हमला किया है। ईरान ने इराक में अमेरिका के सैन्य ठिकाने पर कम से बारह मिसाइल दागे हैं। अमेरिका ने ईरान के इस हमले की पुष्टि भी कर दी है। अमेरिका का कहना है कि इराक में उसके दो सैन्य ठिकानों को मिसाइल से निशाना बनाया गया है।
ईरान ने बगदाद में ऐन अल-असद समेत अमेरिका के दो सैन्य ठिकानों पर मिसाइल से हमला किया है। ईरान के इन हमलों को उसके कमांडर कासिम सुलेमानी की हत्या के बदले के तौर पर देखा जा रहा है। बताया जा रहा है कि ईरान ने हमले का कोड नेम कमांडर सुलेमान के तौर पर रखा है।
एयरबेस पर अमेरिका के साथ गंठबंधन सेनाएं तैनात हैं। इस हमले में अमेरिका और गठबंधन सेनाओं को अभी तक किसी भी नुकसान की खबर नहीं है। अमेरिकी रक्षा अधिकारी के मुताबिक करीब साढ़े पांच बजे इराक में अमेरिकी और गठबंधन सेना के ठिकानों पर 1 दर्जन मिसाइलों से हमला किया गया है। अमेरिका सेना बेस पर बुधवार तड़के मिसाइल हमले के बाद पेंटागन ने बयान जारी कर कहा कि वह हमले में हुए नुकसान का आकलन कर रहा है।
इससे पहले ईरान की संसद ने एक विधेयक पारित कर सभी अमेरिकी बलों को ‘आतंकवादी’ घोषित कर दिया था। जनरल कासिम सुलेमानी के बगदाद में अमेरिकी ड्रोन हमले में मारे जाने के बाद यह कदम उठाया गया। ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कुद्स फोर्स के प्रमुख के रूप में सुलेमानी पर लेबनान और इराक से लेकर सीरिया और यमन तक क्षेत्रीय सत्ता संघर्षों में तेहरान के हस्तक्षेप की जिम्मेदारी थी।
इस नए विधेयक के अनुसार सभी अमेरिकी बलों और पेंटागन और संबद्ध संगठनों, एजेंटों और कमांडरों के कर्मचारियों और सुलेमानी की हत्या का आदेश देने वालों को आतंकवादी घोषित किया जाता है। संसद ने कहा, ‘‘सैन्य, खुफिया, वित्तीय, तकनीकी, सेवा या साजो सामान सहित इन बलों को कोई भी सहायता, आतंकवादी कार्य में सहयोग के रूप में मानी जाएगी।’’