तेहरान: ईरान में पिछले कई दिनों से सरकार के खिलाफ जारी विरोध-प्रदर्शनों के चलते राजनीतिक संकट गहराता जा रहा है। अब खबर आ रही है कि ईरान सरकार ने कथित तौर पर देश के पूर्व राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद को भी सरकार विरोधी प्रदर्शनों को भड़काने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अहमदीनेजाद को 28 दिसंबर को सरकार विरोधी प्रदर्शनों को भड़काने के आरोप में ईरान के शिराज शहर से हिरासत में ले लिया गया। वहीं, सरकार के समर्थन में भी प्रदर्शनकारियों के सड़कों पर उतरने के बाद देश में उथल-पुथल की स्थिति पैदा हो गई है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अहमदीनेजाद ने पिछले हफ्ते बुशहर में प्रदर्शनों को लेकर भड़काऊ बयान दिए थे। बताया जा रहा है कि स्थानीय प्रशासन देश के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खुमैनी की मंजूरी मिलने पर अहमदीनेजाद को घर में नजरबंद कर सकता है। बुशहर रैली में अहमदीनेजाद ने कहा था, 'ईरान कुशासन से जूझ रहा है और रूहानी सरकार मानती है कि वह इस जमीन की मालिक है और जनता बेवकूफ है। कुछ मौजूदा नेताओं ने लोगों की समस्याओं और चिंताओं से दूरी बना ली है। वे समाज की हकीकत के बारे में कुछ भी नहीं जानते हैं।' अहमदीनेजाद 2005 से 2013 तक ईरान के राष्ट्रपति रहे थे।
बताया जा रहा है कि अहमदीनेजाद के अलावा एक प्रमुख शिया मौलवी और राजनेता मेहदी करोबी और पूर्व प्रधानमंत्री मीर-हुसैन को भी हिरासत में लिया गया है और उन्हें नजरबंद रखा गया है। ईरान में प्रदर्शनों की वजह खाने-पीने की चीजों के दाम बढ़ने और बेरोजगारी के मुद्दे पर हो रहे थे, लेकिन कई प्रदर्शनकारी धर्मगुरुओं की सत्ता के खात्मे के लिए भी आवाज उठा रहे हैं। ईरानी अधिकारियों ने इन सत्ता विरोधी प्रदर्शनों के लिए 'क्रांतिकारी विरोधी और विदेशी शक्तियों के एजेंटों' को जिम्मेदार ठहराया है।