तेहरान: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अपील करने के बावजूद ईरान ने एक पहलवान को फांसी पर लटका दिया। नाविद अफकारी नाम के इस युवा पहलवान को एक शक्स की हत्या के लिए यह सजा दी गई। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप समेत दुनिया के कई लोगों ने ईरान से पहलवान की जान न लेने की अपील की थी लेकिन सभी की अपीलों को ठुकरा दिया गया। ईरान की सरकारी टीवी द्वारा दी गई खबर के मुताबिक, फार्स प्रांत के मुख्य न्यायाधीश काजिम मौसवी ने कहा, ‘हसन तुर्कमान के हत्यारे नाविद अफकारी के खिलाफ बदले की सजा आज सुबह शिराज की अदेलबाद जेल में तामील की गई।’
आखिर तक खुद को बेगुनाह बताते रहे अफकारी
बता दें कि ईरान के युवा पहलवान नाविद अफकारी सिर्फ 27 साल के थे। उन्हें 2018 के सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान हसन तुर्कमान नाम के एक सरकारी कर्मचारी की हत्या के मामले में मौत की सजा सुनाई गई थी। नाविद ने कहा था कि उन्हें यह गुनाह कबूल करने के लिए टॉर्चर किया गया था। युवा पहलवान ने खुद को बेगुनाह बताया था और कहा था कि यदि मुझे फांसी भी हो जाती है तो आप सभी लोगों को यही बताना चाहता हूं कि एक बेगुनाह शख्स ने अपनी लड़ाई पूरी मजबूती से लड़ी, और फांसी पर लटक गया।
पोम्पियो ने मौत की सजा को क्रूरता करार दिया
अफकारी के मामले को लेकर सोशल मीडिया पर कैंपेन चला जिसमें उसे और उसके भाई को 2018 में ईरान के शिया धर्मतंत्र के खिलाफ भाग लेने पर निशाना बनाने का आरोप लगाया गया। अफकारी पर अशांति के दौरान शिराज में एक जलापूर्ति कंपनी के कर्मचारी की चाकू मारकर हत्या करने का आरोप था। उधर, अमेरिका के विदेश मंत्री माईक पोम्पियो ने इस मृत्युदंड को क्रूरता करार दिया है । इससे पहले ट्रंप ने ट्वीट किया था, ‘ईरान के नेताओं की मैं बड़ी प्रशंसा करूंगा यदि वे इस युवा व्यक्ति की जान बख्श देते हैं और उसे मौत की सजा नहीं देते हैं।’