तेहरान: गाजा पट्टी के आसपास विरोध प्रदर्शन कर रहे फिलिस्तीनी नागरिकों पर इस्राइल की तरफ से की गई गोलीबारी पर ईरान बुरी तरह भड़क गया है। ईरानी संसद के अध्यक्ष अली लारजनी ने रविवार को फिलीस्तीनियों के खिलाफ हालिया इस्राइल हिंसा को एक 'अमानवीय कृत्य' करार देते हुए उसकी आलोचना की है। लारजनी ने इस्राइल की कार्रवाई की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि इस्राइली, अमेरिकी की मदद से फिलीस्तीनियों के खिलाफ इस तरह के 'आपराधिक' कृत्य दोहराए जा रहे हैं।
गौरतलब है कि हजारों की संख्या में फिलिस्तीनियों ने ‘ग्रेट मार्च ऑफ रिटर्न’ के पहले दिन शुक्रवार को भाग लिया था। गाजा पट्टी व इस्राइल के बीच सीमा पर महीने भर के लिए किए गए ‘ग्रेट मार्च ऑफ रिटर्न’ धरने का उद्देश्य अरब-इस्राइल के 1948 में युद्ध के दौरान शहर छोड़ने को बाध्य हुए फिलिस्तीनी शरणार्थियों के वापसी करना है। हजारों की संख्या में मौजूद फिलिस्तीनी प्रदर्शनकारियों पर इस्राइली सेना ने गोली चला दी, जिसमें करीब 15 की मौत और लगभग 1,000 घायल हो गए।
लारजनी ने इस्राइल की नीति को 'तनाव पैदा करने वाली' और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अपने देश के दूतावास को तेल अवीव से जेरूसलम स्थानांतरित करने के निर्णय को इस क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता को कमजोर करने की इस्राइली और वॉशिंगटन की साजिश बताया है। उन्होंने इस्राइल की कड़ी निंदा करते हुए कहा, ‘आतंकवादियों के कब्जे वाला तेल अवीव सिर्फ बल प्रयोग की भाषा समझता है। केवल विरोध ही पागलपन की हद तक पहुंच चुकी इस्राइल की सत्ता-शक्ति को रोक सकता है।’