जकार्ता: इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो को विश्व के इस तीसरे बड़े लोकतंत्र का फिर से राष्ट्रपति चुना गया है। उन्होंने राष्ट्रपति चुनावों में लगातार दूसरी बार जीत का परचम लहरा दिया। निर्वाचन आयोग ने आधिकारिक परिणाम की समय से पूर्व अचानक मंगलवार को घोषणा की और इसके मद्देनजर अशांति की आशंका के कारण पूरे जकार्ता में हजारों जवानों को तैनात किया गया। आयोग को 17 अप्रैल को हुए चुनावों की घोषणा बुधवार को करनी थी, लेकिन अशांति की आशंका के कारण परिणाम का पहले ही खुलासा कर दिया गया।
मतदान में गड़बड़ी का लगा आरोप
आयोग ने बताया कि ‘इंडोनेशियन डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ स्ट्रगल’ के सदस्य विडोडो ने अपने प्रतिद्वंद्वी एवं सेवानिवृत्त जनरल प्राबोवो सुबियांतो को हराया। आयोग ने बताया कि विडोडो (57) और उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार मारूफ अमीन ने क्रमश: सुबियांतो एवं सांडियागा यूनो के खिलाफ 55.5 प्रतिशत से लेकर 44.5 प्रतिशत तक के अंतर से जीत हासिल की। अनधिकृत आंकड़ों में विडोडो की जीत का पूर्वानुमान जताया गया था, लेकिन सुबियांतो (67) ने मतदान में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए विडोडो की जीत को चुनौती देने का संकल्प लिया था।
इंडोनेशिया में बढ़ा तनाव
सुबियांते ने साथ ही चेतावनी भी दी थी कि इससे इंडोनेशिया में विरोध प्रदर्शन शुरू हो सकता है। पुलिस ने पिछले सप्ताह बताया था कि उसने इस्लामिक स्टेट से जुड़े कई आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है। इनमें कुछ आतंकवादियों ने चुनाव के बाद किसी प्रदर्शन में बम विस्फोट करके अराजकता पैदा करने का षड्यंत्र रचा है। इसके बाद से देश में तनाव बढ़ गया है।
मोदी के खास दोस्त हैं विडोडो
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब इंडोनेशिया के दौरे पर गए थे तो विडोडो ने उन्हें अपना दोस्त बताया था। साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि उन्होंने अपने पोते का नाम PM मोदी के नाम पर श्रीनरेंद्र रखा है। नरेंद्र मोदी का वह दौरा दोनों देशों के रिश्तों के लिहाज से काफी सफल माना गया था।