बीजिंग: जी-20 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच मुलाकात की संभावना नहीं के बराबर है। चीन की तरफ से एक बयान जारी कर कहा गया है कि भारतीय सैनिकों ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों के राजनीतिक आधारों को क्षति पहुंचाई है ऐसे में राष्ट्रपति शी जिनपिंग तथा भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जी-20 शिखर सम्मेलन में मुलाकात की संभावना न के बराबर है।
सूत्रों ने कहा कि सिक्किम सेक्टर में भारतीय तथा चीनी सैनिकों के बीच मौजूदा गतिरोध के कारण दोनों नेताओं के बीच बैठक के लिए 'माहौल सही नहीं है।' बीजिंग ने कहा है कि डोकलाम से भारतीय सैनिकों की वापसी ही किसी भी अर्थपूर्ण वार्ता की शर्त है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा, "जहां तक राष्ट्रपति शी तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच जी-20 में द्विपक्षीय बैठक की बात है, तो मैं इस ओर ध्यान दिला रहा हूं कि हाल में भारतीय सेना चीनी क्षेत्र में अवैध ढंग से घुसी और डोकलाम क्षेत्र में चीनी सैनिकों की सामान्य गतिविधियों को बाधित किया।"
गेंग ने कहा, "इसने चीन की संप्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता को खतरे में डाला है और चीन व भारत के बीच द्विपक्षीय संबंधों के राजनीतिक आधारों को क्षति पहुंचाई है।"उन्होंने कहा, "मुझे उम्मीद है कि भारत अपने सैनिकों को अपने क्षेत्र में फौरन वापस बुलाएगा। मुझे लगता है कि दोनों पक्षों के बीच किसी अर्थपूर्ण शांति वार्ता की यह पूर्व शर्त है।"