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वुहान में भारतीयों का कहना है कि कोरोना वायरस के दूसरे दौर का डर है

चीन में कोविड-19 के बारे में रोजाना अद्यतन जानकारियां देने वाले नेशनल हेल्थ कमीशन (एनएचसी) का कहना है कि वुहान से पिछले कई दिनों से कोई नया मामला या किसी मरीज की मौत की खबर सामने नहीं आयी है। 

Written by: Bhasha
Published : April 28, 2020 18:20 IST
Wuhan
Image Source : AP Representational Image

बीजिंग/वुहान. भले ही कुछ साहसी भारतीय चीन के वुहान में ही रूक गए हों और 76 दिनों के लॉकडाउन के बाद अपने काम पर लौट गए लेकिन देश में कोराना वायरस के बिना लक्षण वाले मामलों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर उन्हें इस घातक वायरस की दूसरी लहर की आशंका सता रही है। कोरोना वायरस महामारी का केंद्र यह चीनी शहर रविवार को कोविड-19 के आखिरी मरीज के अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद फिर वैश्विक सुर्खियों में आया था।

इस शहर के लिए यह एक अदृश्य शत्रु के खिलाफ उसकी लड़ाई में एक मील का पत्थर था। वैसे भारत और कई अन्य देश अब भी इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन से गुजर रहे हैं। इस महामारी ने दुनिया में अबतक 210000 लोगों की जिंदगी छीन ली है। वुहान में इस महामारी की बड़ी मार पड़ी है। शहर में इस संक्रमण के 50,333 मामले सामने आये और 3869 मरीजों की जान चली गयी।

पिछले साल दिसंबर में इस शहर में इस अति संक्रामक वायरस का मामला सामने आया था जो वैश्विक महामारी का रूप लेने से पहले 1.1 करोड़ की जनसंख्या वाले वुहान में दावानल की तरह फैल गया था। इस महामारी के चलते दुनिया थम गयी है। वुहान 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनपिंग के बीच ऐतिहासिक पहल अनौपचारिक सम्मेलन को लेकर भारत में प्रसिद्ध हो गया था।

वह चीन के कुछ प्रसिद्ध अनुसंधान केंद्रों एवं प्रयोगशालाओं के साथ एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक केंद्र है और भारत एवं दुनिया के विद्यार्थियों के लिए आकर्षण का केंद्र है। कोरोना वायरस के पैर पसारने के बाद 600 से अधिक भारतीय विद्यार्थियों एवं पेशेवरों को भारत सरकार ने उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए फरवरी वहां से निकाला लेकिन कुछ भारतीय वहीं रूक गये और उन्होंने अपने पेशेवर और निजी कारणों से इस संकट का मुकाबला करने का मार्ग चुना।

जब पीटीआई भाषा ने उनसे संपर्क किया तो उनमें से कुछ ने पहचान नहीं बताने की शर्त पर वुहान की वर्तमान स्थिति पर खुलकर बोला । एक भारतीय शोधकर्ता ने कहा, ‘‘हां, लॉकडाउन आठ अप्रैल को हटाया गया तथा अधिकाधिक लोग बाहर निकले लेकिन वो भी काम पर निकले और जरूरी सामान खरीदने के लिए। ज्यादातर लोग बिना लक्षण वाले मामलों के डर से अपने घरों में रूके हुए हैं।’’

चीन में कोविड-19 के बारे में रोजाना अद्यतन जानकारियां देने वाले नेशनल हेल्थ कमीशन (एनएचसी) का कहना है कि वुहान से पिछले कई दिनों से कोई नया मामला या किसी मरीज की मौत की खबर सामने नहीं आयी है। सोमवार को देश में बिना लक्षण वाले 40 नये मामले सामने आये जिनमें तीन मरीज विदेश से लौटे हैं।

एनएचसी का कहना है कि अबतक बिना लक्षण वाले 997 मरीज अब भी चिकित्सकीय निगरानी में हैं जिनमें से 130 मरीज विदेश से लौटे हैं।

हुबेई प्रांत में सोमवार तक 599 ऐसे मरीज चिकित्सकीय निरीक्षण में थे। वुहान इसी प्रांत की राजधानी है। वैसे इस वायरस का संक्रमण घटने बाद चीन ने वुहान में 16 अस्थायी अस्पताल बंद कर दिये और वहां से अन्य प्रातों के 42000 से अधिक चिकित्साकर्मी वापस बुला लिये। लेकिन बिना लक्षण वाले मामले लगातार सामने आते जा रहे हैं।

एक अन्य भारतीय ने कहा, ‘‘बिना लक्षण वाले मामलों के फलस्वरूप लोगों में बेचैनी एवं आशंका है क्योंकि आप कार्यस्थल पर या शहर में जिससे मिल रहे होते हैं, उसके बारे में आपक नहीं मालूम होता है।’’ उसने कहा कि शहर में कोविड-19 की दूसरी लहर आने का डर है,फलस्वरूप ज्यादातर लोग काम के बाद अपने घरों में ही रहते हैं।

एक और भारतीय ने कहा कि ऐसी भी आशंका है कि जो लोग स्वस्थ हो गये हैं वे दोबारा न इस वायरस के गिरफ्त में आ जाये। कुछ भारतीयों को भारत में फैल रहे वायरस को लेकर चिंता है। वैसे एक भारतीय शोधवेत्ता ने इस वायरस के उद्भव पर उठे विवाद पर कहा कि दुनिया को पहले इस वायरस को नियंत्रित करने पर ध्यान देना चाहिए फिर ऐसे विषयों को देखना चाहिए। 

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