नई दिल्ली. अफगानिस्तान के मोर्च पर भारत को एक अहम सफलता मिली है। दरअसल भारत सरकार के प्रेशर के आगे पाकिस्तान की इमरान सरकार को झुकना पड़ा है। पाकिस्तानी मीडिया में आई खबरों के अनुसार, इमरान खान की सरकार अब भारतीय गेंहूं को सड़क मार्ग के जरिए अफगानिस्तान तक जाने देने के लिए राजी हो गई है। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इमरान खान ने पाकिस्तान की यात्रा पर आए तालिबानी प्रतिनिधिमंडल के निवेदन पर विचार करने का भरोसा दिया है।
पाकिस्तानी मीडिया ने बताया है कि पाकिस्तान के प्रधान मंत्री इमरान खान ने तालिबान द्वारा बनाई गई अफगानिस्तान की अंतरिम सरकार के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी से बातचीत में कहा कि इस्लामी देश पाकिस्तान तालिबान सरकार के अनुरोध पर "असाधारण आधार" पर मानवीय उद्देश्यों के लिए उनके देश के माध्यम से भारत द्वारा पेश किए गए गेहूं के परिवहन के अनुरोध पर विचार करेगा।
अफगानिस्तान के मौजूदा हालात बेहद खराब हैं, वहां के लोगों को आने वाले दिनों में अनाज की किल्लत का सामना करना पड़ सकता है। अफगानिस्तान में भूखमरी की स्थिति पैदा न हो और खाने को लेकर वहां गृह युद्ध जैसी स्थिति उत्पन्न न हो इसलिए भारत सरकार मानवीय आधार पर अफगानिस्तान के लोगों की मदद के लिए तैयार है लेकिन पूरी दुनिया में आतंक फैलाने वाले पाकिस्तान को ये रास नहीं आ था। आपको बता दें कि पाकिस्तान ने न सिर्फ भारत द्वारा उसके एयरस्पेस के इस्तेमाल पर रोक लगा रखी है बल्कि अफगानियों तक भारत की तरफ से आसानी से मदद न पहुंचे इसलिए लिए अपने सड़क मार्ग के इस्तेमाल पर भी रोक लगा रखी है।
हाल ही में राजधानी नई दिल्ली में अफगान संकट पर आयोजित क्षेत्रीय संवाद में भी भारत ने अफगानिस्तान को निर्बाध मानवीय सहायता मुहैया कराने पर जोर दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बृहस्पतिवार को कहा था कि अफगानिस्तान के लोगों को तत्काल मानवीय सहायता पहुंचाने की जरूरत है, हालांकि उन्होंने अफगानिस्तान तक निर्बाध पहुंच नहीं होने की वजह से आने वाली समस्याओं का भी संदर्भ दिया। अफगान संकट पर आयोजित क्षेत्रीय संवाद में शामिल हुए भारत, रूस, ईरान और मध्य एशिया के पांच देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों (एनएसए) ने बुधवार को अफगानिस्तान को निर्बाध, प्रत्यक्ष और भरोसेमंद तरीके से मानवीय सहायता मुहैया कराने क आह्वान किया था।