इस्लामाबाद: पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया और महावाणिज्य दूतावास के अधिकारियों को पाकिस्तान में गुरुद्वारा पंजा साहिब में जाने से रोका गया है। इसके बावजूद के भारतीय उच्चायुक्त के पास पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की तरफ से अनुमति भी थी। पिछले दो महीने में ये दूसरा मौका है जब भारतीय उच्चायुक्त के साथ पाकिस्तान में बदसलूकी करते हुए उन्हें पंजा साहिब जाने से रोका गया है। इस पूरे किस्से पर भारत सरकार ने कड़ा एतराज जताते हुए पाकिस्तान के उप उच्चायुक्त सैयद हैदर शाह को समन भी किया गया है। भारत के कड़े विरोध के बाद पाकिस्तान ने इस पूरे मामले पर नई कहानी गढ़ी है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने ट्वीट कर कहा है, 'सिख श्रद्धालु भारत में दुर्व्यवहार और विवादित फिल्म के रिलीज के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे।
भारतीय उच्चायुक्त को इस बात से अवगत कराया गया था और उन्होंने खुद अपनी यात्रा को रद्द करने की सहमति दी।' पाकिस्तान की तरफ से दी गई सफाई के अनुसार विवादित फिल्म नानक शाह फकीर को लेकर प्रदर्शन कर रहे सिखों ने पाकिस्तान में भारत के उच्चायुक्त को गुरूद्वारे में प्रवेश करने से रोका है। एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने खबर दी कि अजय बिसारिया और उनकी पत्नी यहां हसन अब्दल में गुरूद्वारा पंजा साहिब में अरदास करना चाहते थे और यहां आने वाले सिख श्रद्धालुओं से मिलना चाहते थे लेकिन विवादित बॉलीवुड फिल्म नानक शाह फकीर को लेकर विरोध कर रहे सिखों ने उन्हें गुरूद्वारे में प्रवेश नहीं करने दिया।
इस पूरे किस्से पर पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने पाकिस्तान की निंदा की है। उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश अपनी राजनीतिक योजना में धर्म को लाकर भारत के साथ अपने संबंधों में “बेहद निचले स्तर” पर चला गया है। उन्होंने इसे “भारत के प्रति पाकिस्तान की विचारहीन और निर्रथक शत्रुता को चौंकाने वाला प्रतिबिंबन बताया है।” सिंह ने एक बयान में कहा कि यह घटना अंतरराष्ट्रीय और कूटनीतिक दस्तूर के लिए पाकिस्तान की “पूर्ण अवहेलना” को भी उजाकर करता है।