इस्लामाबाद: पाकिस्तानी अधिकारियों का कहना है कि भारतीय किसानों द्वारा पयाली जलाने से पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में गहरे व घने धुंध के बादल छाते हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पंजाब प्रांत के पर्यावरण संरक्षण विभाग के अधिकारी ने शनिवार रात बताया कि इस धुंध के कारण पंजाब के विभिन्न इलाकों में निवासियों को कई प्रकार की बीमारियां हो रही हैं और प्रांतीय सरकार इस स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए कदम उठा रही है। पर्यावरण संरक्षण विभाग की मंत्री जाकिया शाहनवाज खान ने कहा कि धुंध हमारे प्रांत में दो सप्ताह से आ रहा है और आने वाले सप्ताह में भी इसके बने रहने की आशंका है।
उन्होंने कहा कि भारतीय खेतों से पयाली का धुआं 7 से 8 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से पंजाब तक पहुंच चुका है, जिसके परिणामस्वरूप प्रांत में घने धुंध के बादल छाए हैं। स्थानीय विशेषज्ञों ने कहा कि प्रांतीय राजधानी लाहौर में कुल वायु गुणवत्ता सूचकांक 357 है, जबकि अधिकतम सीमा 100 के आसपास है और अगर नियंत्रण नहीं किया जाता है तो आने वाले दिनों में इसके उच्चतम स्तर 500 पर पहुंचने की आशंका है। पर्यावरण विभाग के एक अधिकारी सईद मुबाशिर हुसैन ने कहा कि प्रांतीय सरकार ने पूरे प्रांत में पयाली जलाने पर प्रतिबंध लगा दिया है और इसका उल्लंघन करने वालों को गिरफ्तार किया जा रहा है।
इस आदेश का उल्लंघन करने वाले कुल 197 के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है और 65 लोगों को पयाली और ठोस अपशिष्ट जलाने को लेकर गिरफ्तार किया गया है। हुसैन ने सिन्हुआ को बताया कि प्रदूषण करने वाली करीब 175 इकाइयां बंद कर दी गई हैं। धुआं उत्सर्जित करने वाले 15,718 वाहनों को जब्त कर लिया गया है और करीब 43 लाख पाकिस्तानी रुपये (करीब 43,000 डॉलर) का जुर्माना लगाया गया है। धुंध से न केवल स्वास्थ्य प्रभावित होता है, बल्कि यह सड़क दुर्घटनाओं का भी कारण बनता है। मौसम विज्ञान विभाग ने कहा कि धुंध बारिश और तेज हवाओं के बाद गायब हो जाता है, लेकिन अगले 48 घंटों में ऐसी स्थिति की संभावना नहीं है।