इस्लामाबाद: पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने शुक्रवार को भारत पर आरोप लगाया कि वह कश्मीर मुद्दे का हल बंदूक के जरिए करने की कोशिश कर रहा है। आसिफ ने पाकिस्तान में मनाए जा रहे ‘कश्मीर एकजुटता दिवस’ पर एक बयान में यह कहा। उन्होंने कहा, ‘कश्मीर में 20 निहत्थे आम नागरिकों की हालिया हत्या बंदूक के जरिए विवाद का हल करने की भारत की कोशिश को दर्शाती है।’ गौरतलब है कि भारतीय सुरक्षा बलों ने जम्मू-कश्मीर में रविवार को आतंकवाद रोधी 3 अभियानों में 13 आतंकवादियों को मार गिराया, जिनमें थल सेना के 3 जवान भी शहीद हो गए थे। साथ ही, अनंतनाग और शोपियां जिलों में 4 आम नागरिक भी मारे गए थे।
आसिफ ने कहा कि भारतीय बलों की यह कार्रवाई पूरी तरह से अस्वीकार्य है और इसकी अंतर्राष्ट्रीय समुदाय और दुनिया भर के मानवाधिकार संगठनों द्वारा एक सुर में निंदा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के लोग जीवन का मूलभूत अधिकार और आत्मनिर्णय के अधिकार से वंचित हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 70 साल में भारत शासित कश्मीर के साहसी लोग आत्मनिर्णय के अपने अधिकार को प्राप्त करने के लिए भारतीय अत्याचार के खिलाफ बहादुरी से संघर्ष कर रहे हैं। यह अधिकार उन्हें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों से मिला हुआ है। आसिफ ने कहा कि ये प्रस्ताव लागू नहीं हो पाए हैं क्योंकि भारत अपने वादों से पीछे हट गया है और कश्मीरी अवाम का दमन और अत्याचार जारी रखे हुए है।
उन्होंने कहा कि भारत शासित कश्मीर के बहादुर लोगों ने अपने इस संघर्ष के लिए अतुलनीय कुर्बानी दी है। भारत की निर्ममता उनकी मजबूत भावनाओं को दबाने में नाकाम रही है। पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान के लोग और दुनिया भर के लोग कश्मीरी अवाम की बहादुरी और भारतीय शासन के खिलाफ उचित संघर्ष को लेकर उन्हें सलाम करते हैं तथा उनका राजनीतिक, नैतिक और कूटनीतिक समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को उसकी जिम्मेदारियों की याद दिलाई है और उनसे संरा सुरक्षा परिषद प्रस्तावों को लागू कर जम्मू कश्मीर के लोगों को किए वादे पूरे करने का अनुरोध किया है । आसिफ ने कहा कि मानवाधिकारों के घोर उल्लंघन की जांच के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को भारत से अनुरोध करना चाहिए कि वह संयुक्त राष्ट्र और OIC की तथ्यान्वेषी टीमों को जम्मू कश्मीर में पहुंचने की इजाजत दे।
गौरतलब है कि सोमवार को पाकिस्तान कैबिनेट ने हिंसा की ताजा घटना के जवाब में कश्मीर एकजुटता दिवस मनाने का फैसला किया था। रेडियो पाकिस्तान की खबर के मुताबिक पाकिस्तानियों और कश्मीरियों द्वारा रैलियां और प्रदर्शन सहित विभिन्न कार्यक्रम देश भर में किए गए हैं ताकि जम्मू कश्मीर में भारत के अत्याचार की ओर अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान खींचा जा सके। साथ ही, इस विवाद के शांतिपूर्ण हल की जरूरत को रेखांकित किया जा सके। वहीं, राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने कश्मीरियों को भरोसा दिलाया कि पाकिस्तान उनके साथ दृढ़ता से खड़ा है और उनके संघर्ष का समर्थन करना जारी रखेगा। राष्ट्रपति ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से कश्मीरियों का खूनखराबा रोकने और इस मुद्दे के हल में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से अपनी भूमिका निभाने की अपील की।