इस्लामाबाद: पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अलवी ने सोमवार को कहा कि भारत के आक्रामक रुख और भारतीय सेना में घातक हथियारों की तैनाती से दक्षिण एशिया की सामरिक स्थिरता को खतरा पैदा हो रहा है। रेडियो पाकिस्तान की एक रिपोर्ट के अनुसार अलवी ने कहा कि किसी को भी अपनी क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने की पाकिस्तान की क्षमता पर शंका नहीं होनी चाहिए। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘हमारे पड़ोसी को परमाणु प्रौद्योगिकी की आपूर्ति और उन्नत सैन्य उपकरण देने में कुछ देशों की ओर से भेदभावपूर्ण छूट ने क्षेत्रीय सुरक्षा को और भी पेचीदा बना दिया है और परमाणु अप्रसार कानूनों की साख कमजोर की है।’’
पाकिस्तानी राष्ट्रपति ने कहा कि उनका देश क्षेत्र में सामरिक स्थिरता बनाए रखने और संयम एवं जवाबदेही का प्रदर्शन करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने ‘‘सर्जिकल स्ट्राइक’’ और ‘‘सीमित युद्ध’’ की चर्चा का संज्ञान लेने का अंतरराष्ट्रीय समुदाय का आह़्वान किया और कहा कि इस तरह के रुख से तनाव बढ़ता है। अल्वी ने भारत का नाम लिए बगैर कहा कि इस तरह की फंतासियों (सर्जिकल स्ट्राइक और सीमित जंग) की वकालत करने वाले इसके परिणामों के लिए जिम्मेदार होंगे। उन्होंने कहा, ‘‘शांति के हमारे रुख का जवाब आक्रामकता से दिया गया है।’’
पाकिस्तानी राष्ट्रपति ने कहा कि 1974 में क्षेत्र में परमाणु परीक्षण के बावजूद उनके देश ने दक्षिण एशिया को परमाणु हथियारों से मुक्त रखने के उद्देश्य पर काम किया। उन्होंने दावा किया, ‘‘परमाणु अप्रसार के हमारे प्रस्ताव अच्छी तरह से दस्तावेजबंद किए गए हैं।’’ अल्वी ने कहा कि 1998 में पाकिस्तान के परमाणु परीक्षण के साथ ही दक्षिण एशिया के परमाणु हथियार मुक्त बनने की संभावना समाप्त हो गई। उन्होंने कहा, ‘‘हम क्षेत्र में सामरिक संतुलन बनाए रखने के लिए परमाणु परीक्षणों का जवाब देने के लिए बाध्य हुए।’’
पाकिस्तानी राष्ट्रपति ने कहा कि उनके देश ने परस्पर विश्वास निर्माण करने, हथियारों की होड़ से बचने और जोखिम कम करने के लिए भारत के साथ सार्थक संवाद की अपनी कोशिश बंद नहीं की है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों को हथियार पर खर्च में कटौती करने और गरीब लोगों के कल्याण में उसे खर्च करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि टकराव के समाधान और पारंपरिक हथियार संतुलन बनाए रखने पर आधारित सामरिक संयम कवायद क्षेत्रीय शांति एवं सुरक्षा का अच्छा आधार बन सकता है। उन्होंने इंगित किया कि पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम की दिशा असैन्य है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास शांतिपूर्ण उपायों के लिए परमाणु ऊर्जा के दोहन का एक पूर्ण कार्यक्रम है।’’ पाकिस्तानी राष्ट्रपति ने विश्व शांति के लिए जम्मू-कश्मीर समेत लंबित मुद्दों के हल का भी आह्वान किया।