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भारत को चीन का प्रतिद्वंदी नहीं बल्कि साझेदार बनना चाहिए: चीनी मीडिया

चीन की सरकारी समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने रविवार को एक टिप्पणी में भारत से आग्रह किया कि उसे 'चीन से चिंतित' नहीं होना चाहिए और साथ ही उसने कहा कि नई दिल्ली और बीजिंग प्रतिद्वंद्वी होने के बजाए सहकारी साझेदार बन सकते हैं।

IANS
Published : July 02, 2017 19:05 IST
Representative Image | AP Photo
Representative Image | AP Photo

बीजिंग: चीन की सरकारी समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने रविवार को एक टिप्पणी में भारत से आग्रह किया कि उसे 'चीन से चिंतित' नहीं होना चाहिए और साथ ही उसने कहा कि नई दिल्ली और बीजिंग प्रतिद्वंद्वी होने के बजाए सहकारी साझेदार बन सकते हैं। सिन्हुआ ने एक टिप्पणी में कहा है, ‘कुछ भारतीय राजनेताओं में विकसित होते चीन को लेकर चिंता कुछ हद तक, देश के संबंध में एक प्रकार की रणनीतिक चिंता में तब्दील हो गई है।’

टिप्पणी में कहा गया है कि भ्रामक, निराधार 'चीन का भय' रणनीतिक भय पैदा कर सकता है और इससे भारत के हितों को नुकसान हो सकता है। टिप्पणी में कहा गया है कि चीन के प्रस्तावित बेल्ट एवं रोड पहल का बहिष्कार करने का भारत का निर्णय तो समझा जा सकता है, लेकिन इससे दूर रहना नई दिल्ली के लिए अच्छा विकल्प नहीं है। टिप्पणी में लिखा गया है, ‘भारत अपनी चिंताओं और विचारों को सार्वजनिक मौकों पर या आधिकारिक बयानों के माध्यम से जाहिर कर सकता था, और चीन हमेशा से भारत के साथ सभी समस्याओं और संभावनाओं को आपसी लाभों के आधार पर चर्चा को तैयार है।’

टिप्पणी में कहा गया है कि 'बेल्ट एंड रोड' चीन द्वारा प्रस्तावित भले ही है, लेकिन यह चीन की परियोजना नहीं है। टिप्पणी में कहा गया है, ‘जैसा कि कई विशेषज्ञों और विश्लेषकों ने इस बात को रेखांकित किया है कि 'बेल्ट एवं रोड' पहल भारत और चीन के बीच आपसी दोनों के लिए लाभकारी सहयोग का एक ऐतिहासिक अवसर उपलब्ध कराती है।’ भारत ने चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) के निर्माण का विरोध किया था, जो पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर (POK) से होकर गुजरता है। PoK को भारत अपना अभिन्न अंग मानता है।

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