बीजिंग: डोकलाम में जारी गतिरोध के बाद एक बार फिर भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ने के आसार पैदा हो गए हैं। भारत के एक ड्रोन के तकनीकी खराबी की वजह से चीनी सीमा में घुस जाने की घटना पर चीन बौखला गया है। चीन की बौखलाहट का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसने इसे उकसावा बताते हुए भारत से माफी की मांग कर डाली है। यही नहीं, चीन ने भारत को इसका अंजाम भुगतने की भी धमकी दी है।
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में छपे एक संपादकीय में भारत के व्यवहार को गलत बताते हुए इसका परिणाम भुगतने की चेतावनी दी गई है। दरअसल, चीन डोकलाम में सड़क निर्माण की अपनी योजना पर पानी फिरने के बाद बुरी तरह बौखलाया हुआ है और यही कारण है कि वह ड्रोन मामले को तूल दे रहा है। ग्लोबल टाइम्स ने अपने संपादकीय में लिखा है, 'यह घुसपैठ ठीक उसी स्थान पर हुई है जहां कुछ समय पहले भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच गतिरोध हुआ था। ऐसे संवेदनशील समय और स्थान पर दोनों पक्षों को ऐसे किसी भी काम से बचना चाहिए जिसे दूसरा पक्ष उकसावे के रूप में ले। लेकिन साफ है कि भारत का व्यवहार ठीक नहीं था।'
’भारत को चीन से माफी मांगनी चाहिए’
ग्लोबल टाइम्स के संपादकीय में लिखा है कि हम नहीं चाहते हैं कि भारत और चीन के रिश्तों को नुकसान पहुंचे, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि चीन अपने सिद्धांतों पर समझौता करेगा। ऐसा लगता है कि भारत ने 'डोकलाम गतिरोध' से कुछ नहीं सीखा है और बॉर्डर पर सेना द्वारा उकसावे की कार्रवाई जारी है। चीन को मजबूती से जवाब देना चाहिए। ग्लोबल टाइम्स ने लिखा, 'भारतीय मीडिया ने शुक्रवार को रिपोर्ट दी की भारत कूटनीतिक चैनल्स के जरिए चीन को भारतीय ड्रोन वापस करने को कह रहा है। भारतीय रक्षा मंत्रालय ने मुश्किल से घुसपैठ का जिक्र किया और माफी के संकेत नहीं दिए। हम मानते हैं कि यह भारत के लिए इस तरह की गुजारिश का समय नहीं है।’
क्या है मामला:
दरअसरल, चीन की सेना ने गुरुवार को आरोप लगाया कि एक भारतीय ड्रोन चीन के हवाई क्षेत्र में घुस गया और उसके बाद वह दुर्घटना का शिकार हो गया। उन्होंने बताया कि ड्रोन सिक्किम सेक्शन में दुर्घटनाग्रस्त हुआ। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वेस्टर्न थियेटर कमांड के ज्वाइंट स्टाफ विभाग के कॉम्बैट ब्यूरो के उप प्रमुख झैंग शुइली ने कहा, ‘एक भारतीय UAV (अन्मैन्ड एरियल वेहिकल) चीन के हवाई क्षेत्र में घुस आया, जिसके बाद वह दुर्घटना का शिकार हो गया। चीनी सीमा सुरक्षा बलों ने ड्रोन की पहचान और उसका सत्यापन किया है।’ वहीं, भारत ने चीन के आरोप को पूरी तरह से खारिज करते हुए कहा था कि ड्रोन तकनीकी दिक्कतों की वजह से सीमापार चला गया था और इस बारे में चीन को पहले ही जानकारी दे दी गई थी।