ढाका: भारत ने बांग्लादेश में म्यांमार से आए रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थियों के लिए गुरुवार को 53 टन राहत सामग्री भेजी। पड़ोसी बौद्ध बहुल देश म्यांमार में हिंसा के कारण लाखों की संख्या में रोहिंग्या मुसलमान भागकर बांग्लादेश में पहुंचे हैं। भारतीय उच्चायोग ने ट्वीट किया, ‘ऑपरेशन इंसानियत: उच्चायोग ने भारत की ओर से मानवीय सहायता की पहली खेप बांग्लादेश को सौंपी।’ बांग्लादेश ने बड़ी तादाद में शरणार्थियों के आने से वहां उपजी समस्याओं के बारे में भारत को सूचित किया था जिसके कुछ दिन बाद भारत की ओर से सहायता की यह पहली खेप पहुंची है।
उधर, संयुक्त राष्ट्र के एक प्रवक्ता ने बताया कि म्यांमार में 25 अगस्त से चल रही अशांति के कारण भागकर बांग्लादेश में पहुंचने वाले रोहिंग्या शरणार्थियों की संख्या 389,000 हो गई है। नई दिल्ली में बांग्लादेश के उच्चायुक्त सैयद मुअज्जम अली ने पिछले सप्ताह विदेश सचिव एस जयशंकर से मुलाकात कर रोहिंग्या लोगों के मुद्दे पर विस्तार में चर्चा की थी। नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय के एक बयान में कहा गया, ‘बांग्लादेश में बड़ी तादाद में आ रहे शरणार्थियों के चलते उपजे मानवीय संकट के जवाब में भारत सरकार ने बांग्लादेश की सहायता करने का फैसला किया है।’ इसमें कहा गया कि राहत सामग्री में प्रभावित लोगों के लिये तुरंत आवश्यक सामग्री जैसे कि चावल, दाल, चीनी, नमक, खाद्य तेल, चाय, नूडल्स, बिस्कुट, मच्छरदानी इत्यादि शामिल हैं।
इसके अनुसार, बांग्लादेश के लिये 53 एमटी भारतीय मानवीय सहायता की पहली खेप 'ऑपरेशन इंसानियत' के तहत बांग्लादेश पहुंची। भारत बांग्लादेश को 7,000 टन राहत सामग्री उपलब्ध कराएगा। सहायता सामग्री लेकर आए भारतीय विमान के दक्षिणपूर्व बंदरगाह शहर चटगांव में उतरने पर बांग्लादेश के सड़क परिवहन मंत्री ओबैदुल कादिर ने भारतीय उच्चायुक्त हर्षवर्धन सिंघल से सामग्री प्राप्त की। उच्चायोग ने कहा कि कादिर ने इस सहायता की तुलना वर्ष 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान भारत की ओर से बांग्लादेश को उपलब्ध कराई गई सहायता से की।