बिश्केक: भारत और शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के अन्य सदस्य देशों ने शुक्रवार को आतंकवाद के हर स्वरूप की निंदा की और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आतंकवाद से मुकाबले में सहयोग बढ़ाने की अपील की। एससीओ की राष्ट्राध्यक्ष परिषद के बिश्केक घोषणा-पत्र के मुताबिक, सदस्य देशों ने इस बात पर जोर दिया कि आतंकवादी एवं चरमपंथी कृत्यों को सही नहीं ठहराया जा सकता।
घोषणा-पत्र में कहा गया कि आतंकवाद, आतंकवादी एवं चरमपंथी विचारधारा का फैलाव, जनसंहार के हथियारों का प्रसार, हथियारों की होड़ जैसी चुनौतियां और सुरक्षा संबंधी खतरे सीमा पार प्रकृति के होते जा रहे हैं। इन पर वैश्विक समुदाय द्वारा विशेष ध्यान देने, बेहतर समन्वय और रचनात्मक सहयोग करने की जरूरत है। बिश्केक घोषणा-पत्र के मुताबिक, ‘‘सदस्य राष्ट्र आतंकवाद के हर स्वरूप की निंदा करते हैं।’’
घोषणा-पत्र में कहा गया, ‘‘वे अंतरराष्ट्रीय समुदाय का आह्वान करते हैं कि आतंकवाद से मुकाबले में वैश्विक सहयोग को बढ़ावा दें। इसमें संयुक्त राष्ट्र की केंद्रीय भूमिका हो, जो संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों के अनुरूप संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के संबंधित प्रस्तावों को बगैर किसी राजनीतिकरण और दोहरे मानदंड के पूरी तरह लागू करेगा और ऐसा करते हुए सभी देशों की संप्रभुता एवं आजादी के प्रति आदर का भाव रखेगा।’’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां एससीओ शिखर सम्मेलन में शुक्रवार को हिस्सा लिया। एससीओ चीन की अगुवाई वाला आठ देशों का आर्थिक एवं सुरक्षा समूह है। भारत और पाकिस्तान को इसमें 2017 में शामिल किया गया था। चीन, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान एसीओ के अन्य सदस्य देश हैं। सदस्य देशों ने वैश्विक समुदाय से यह अपील भी की कि वे अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक सम्मेलन (सीसीआईटी) पर आम राय बनाने की दिशा में काम करें।