नई दिल्ली: भारत ने संयुक्त राष्ट्र में चीन के स्थायी मिशन के प्रवक्ता द्वारा जम्मू-कश्मीर के बारे में की गई टिप्पणी को बृहस्पतिवार को खारिज किया और इस बात पर बल दिया कि यह केंद्रशासित प्रदेश उसका अभिन्न अंग था, है और हमेशा रहेगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि भारत, चीन से उम्मीद करता है कि वह भारत के आंतरिक मामलों, देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता पर टिप्पणी करने से बचेगा।
उन्होंने कहा कि भारत यह उम्मीद भी करता है कि चीन, जम्मू-कश्मीर समेत भारत के लोगों के जीवन को प्रभावित करने वाले सीमापार आतंकवाद की समस्या को समझेगा और उसकी निंदा करेगा। संयुक्त राष्ट्र में चीन के स्थायी मिशन के प्रवक्ता ने कहा था कि कश्मीर मुद्दा संरा सुरक्षा परिषद के एजेंडा में प्रमुखता से छाया रहा है और चीन कश्मीर के वर्तमान हालात पर करीब से नजर रख रहा है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता वर्तमान में चीन के पास है।
चीन के अधिकारी ने कथित तौर पर यह भी कहा कि कश्मीर का मुद्दा बहुत पहले से चला आ रहा है और इसका उचित तथा शांतिपूर्ण तरीके से समाधान निकाला जाना चाहिए। श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘संयुक्त राष्ट्र में चीन के स्थायी मिशन के प्रवक्ता ने जो बयान दिया है, उसमें जम्मू-कश्मीर के संदर्भ को हम अस्वीकार करते हैं।’’ वह चीन के प्रवक्ता की टिप्पणी के संबंध में पूछे गए सवाल पर प्रतिक्रिया दे रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘‘चीन इस मुद्दे पर भारत के सतत रुख से भलीभांति वाकिफ है। जम्मू-कश्मीर केंद्रशासित प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा रहा है, है और रहेगा।’’ श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘इसलिए हम उम्मीद करते हैं कि चीन समेत अन्य देश भारत के आंतरिक विषयों पर टिप्पणी करने से बचेंगे और भारत की संप्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करेंगे।’’ चीन ने जम्मू-कश्मीर के पुर्नगठन के भारत के कदम की आलोचना की है, खासकर लद्दाख को केंद्र शासित क्षेत्र बनाने के लिए उसने नयी दिल्ली की आलोचना की है क्योंकि वह लद्दाख के कई इलाकों पर अपना दावा जताता रहा है।