लाहौर: पाकिस्तान ने भारत पर वार्षिक जोड़ मेला के लिए सिख श्रद्धालुओं को लाहौर आने से रोकने का आरोप लगाया है क्योंकि अभी तक केवल 13 श्रद्धालु ही यहां पहुंचे हैं। पाकिस्तानी अधिकारियों ने कहा कि नई दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग ने 80 सिखों को वीजा जारी किए थे लेकिन उनमें से 66 लाहौर नहीं पहुंच पाए क्योंकि भारत ने तकनीकी कारणों का हवाला देते हुए उन्हें अटारी रेलवे स्टेशन पर रोक दिया।
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के पवित्र स्थानों की देखरेख करने वाले इवैक्वी ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड के प्रवक्ता आमिर हाशमी ने कहा, ‘समझौता एक्सप्रेस ट्रेन जोड़ मेला के लिए 80 सिखों को लाने के लिए बृहस्पतिवार को अटारी के लिए रवाना हुई थी लेकिन जब वह वहां पहुंची तो भारतीय अधिकारियों ने उसके स्टॉफ को बताया कि सिख तीर्थयात्री इस पर सवार नहीं हो सकते क्योंकि उनका वीजा उन्हें एक विशेष ट्रेन से पाकिस्तान जाने की अनुमति देता है।’ हाशमी ने कहा कि पाकिस्तान रेलवे तीर्थयात्रियों को लाने के लिए एक विशेष ट्रेन भारत भेजने का इच्छुक है लेकिन भारतीय अधिकारियों ने इसकी अनुमति नहीं दी।
हाशमी ने कहा, ‘कुल 80 तीर्थयात्रियों में से 14 के पास ऐसा वीजा है जो उन्हें सड़क मार्ग से पाकिस्तान जाने की अनुमति देता है। उन्होंने पैदल वाघा बॉर्डर पार किया जहां ETBP अधिकारियों ने उनकी अगवानी की।’ सिखों के पांचवें गुरू अर्जन देव की पुण्यतिथि पर जोड़ मेला का आयोजन किया जाता है। 10 दिन तक चलने वाले इस उत्सव को शहीदी जोड़ मेला भी कहा जाता है जिसे लाहौर में पंजा साहिब और गुरूद्वारा डेरा साहिब में आयोजित किया जाएगा। 14 श्रद्धालुओं को हसन अब्दल में गुरूद्वारा पंजा साहिब ले जाया गया। रेडियो पाकिस्तान की एक खबर के मुताबिक, ‘सिख श्रद्धालु 17 जून को वाघा बार्डर के जरिए भारत लौट जाएंगे।’