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‘सरकार चलाना फौज का काम नहीं, हमें भारत से सीखना चाहिए’

इस्लामाबाद: पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को एक असामान्य सी सलाह देते हुए उनसे कहा कि सरकार चलाना सेना का काम नहीं है और कहा कि वे एक किताब

Bhasha
Published on: February 15, 2017 7:41 IST
Army Chief Bajwa- India TV Hindi
Army Chief Bajwa

इस्लामाबाद: पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को एक असामान्य सी सलाह देते हुए उनसे कहा कि सरकार चलाना सेना का काम नहीं है और कहा कि वे एक किताब पढ़ें जिनमें बताया गया है कि कैसे भारत सेना को सियासत से अलग रखने में कामयाब रहा। पाकिस्तानी अंग्रेजी दैनिक द नेशन के अनुसार बाजवा ने कहा, सरकार चलाने की कोशिश करना फौज का काम नहीं है। फौज को संविधान से परिभाषित अपनी भूमिका तक सीमित रहना चाहिए।

बाजवा ने अपने अधिकारियों से कहा कि वे आजादी के बाद असैनिक सरकार के साथ भारतीय सेना के रिश्तों के बारे में येल युनिवर्सिटी के राजनीति शास्त्र एवं अंतरराष्ट्रीय संबंधों के प्रोफेसर स्टीवन आई विल्किंसन की लिखी किताब आर्मी ऐंड नेशन :सेना एवं राष्ट्र: पढ़ें। बाजवा ने यह टिप्पणी दिसंबर में सैन्य मुख्यालय की रावलपिंडी गैरिसन में वरिष्ठ सैनिक अधिकारियों के एक समूह के बीच की थी और यह पाकिस्तान की असैन्य सरकार के साथ पाकिस्तानी सेना के रिश्तों में तब्दीली का एक संकेत है जो पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की सरकार के लिए एक शुभ समाचार हो सकता है।

बाजवा के पूर्वाघिकारी राहील शरीफ से शरीफ सरकार के तल्खी भरे रिश्ते थे। बाजवा ने अपने अधिकारियों को साफ साफ कहा है कि पाकिस्तान में सेना और असैनिक सरकार के बीच स्पर्धा नहीं सहयोग होनी चाहिए। पाकिस्तान में सैन्य और असैन्य नेतृत्व के बीच समीकरण हमेशा एक कठिन और जटिल मुद्दा रहा है। आजादी के बाद से पाकिस्तानी इतिहास का आधा काल सैनिक तानाशाहों के राज का रहा है। प्रत्यक्ष सैन्य सरकार का नवीनतम काल 2008 में समाप्त हुआ, लेकिन परदे के पीछे अब भी सेना को बहुत शक्ति और प्रभाव हासिल है बाजवा ने कहा कि असैनिक नेतृत्व और सैनिक नेतृत्व के बीच प्रतियोगिता की छवि देश के लिए अच्छा नहीं है।

विल्किंसन की किताब में स्वातंत्रयोत्तर भारत के तरूण लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए भारतीय सेना की संरचना और नियुक्ति प्रणाली में बदलाव का विस्तृत ब्योरा दिया गया है। अभी तक सेना या असैन्य सरकार ने जनरल बाजवा की टिप्पणी पर कुछ नहीं कहा है।

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