पाकिस्तानी पुलिस ने शुक्रवार को भारत की खुफिया एजेंसी 'रॉ' पर नवंबर में कराची स्थित चीन के वाणिज्य दूतावास पर हुए आतंकी हमले में शामिल होने का आरोप लगाया, जिसे भारत ने मनगढ़ंत और झूठा बताते हुए खारिज कर दिया।
कराची पुलिस ने कहा कि 23 नवंबर को हुए चीनी वाणिज्य दूतावास पर हुए हमले के सिलसिले में एक अलगाववादी बलोच समूह के पांच संदिग्ध गिरफ्तार किये गए हैं। उसका दावा है कि यह हमला चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) को नुकसान पहुंचाने के लिये किया गया। इस हमले में चार लोग मारे गये थे।
एक प्रेस वार्ता के दौरान कराची पुलिस के प्रमुख आमिर शेख ने कहा कि गिरफ्तार किए गए लोगों ने तीन हमलावरों की मदद करने की बात कबूली है। तीनों हमलावर हमले के दौरान मारे गये थे।
शेख ने दावा किया कि हमले की योजना अफगानिस्तान में बनाई गई और उसे भारत की खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (आरएडब्ल्यू) की मदद से अंजाम दिया गया। पाकिस्तान के इस दावे पर प्रतिक्रिया देते हुए नयी दिल्ली में विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, "हमने पाकिस्तानी मीडिया में कराची पुलिस प्रमुख के भारत पर लगाए गए झूठे आरोपों वाले बयान देखें हैं। हम पूरी तरह से इन मनगढ़ंत और झूठे आरोपों को खारिज करते हैं। इस तरह की आतंकवादी घटनाओं के लिए दूसरों पर उंगली उठाने के बजाय, पाकिस्तान को अपने क्षेत्रों में आतंकवाद और आतंकवाद के बुनियादी ढांचे के खिलाफ विश्वसनीय कार्रवाई करने की आवश्यकता है।