बीजिंग: चीन के आधिकारिक मीडिया ने जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर पर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावित प्रतिबंध को बीजिंग द्वारा अवरूद्ध करने को उचित ठहराते हुए आज कहा कि भारत आतंकवाद विरोधी मुहिम का बहाना बनाकर पाकिस्तान पर अपना सैन्य दबाव बढ़ा सकता है। सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अपने संपादकीय में कहा, अजहर को आतंकवादी के तौर पर सूचीबद्ध करने के लिए भारत की अपनी वजहें हैं। बहरहाल, जानकार इसको लेकर चिंतित हैं कि आतंकवाद विरोधी मुहिम की आड़ में भारत पाकिस्तान पर सैन्य दबाव बढ़ा सकता है चीनी मीडिया की इस प्रतिक्रिया से एक दिन पहले चीन ने अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकवादी घोषित करवाने के लिए लाए गए अमेरिका के प्रस्ताव को अवरूद्ध करने के अपने फैसले का बचाव किया था।
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बीजिंग का कहना है कि इस कदम का समर्थन करने के लिए शर्तें अभी पूरी नहीं हुई हैं। अजहर पठानकोट आतंकी हमले का मास्टरमाइंड है। सरकारी अखबार ने कहा, दक्षिण एशिया में भारत-पाकिस्तान लंबे समय से एक जटिल मुद्दा रहे हैं और चीन इन दोनों के भौगोलिक रूप से निकट होने की वजह से बीच में फंस गया है। उसने कहा, दोनो देशों को शांति के पथ पर लाने के प्रयास इसलिए असफल हो रहे हैं क्योंकि दोनो के घरेलू और राजनयिक ख्यालात मेल नहीं खाते। ऐसे में संयुक्त राष्ट्र की ओर से उठाया गया कोई भी कदम दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ाने की बजाय शांति प्रक्रिया में मदद करने वाला होना चाहिए। दिलचस्प बात है कि ग्लोबल टाइम्स का यह संपादकीय सिर्फ प्रिंट संस्करण में छपा है, जबकि इसके इंटरनेट लिंक को बंद कर दिया गया है।
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव में बीजिंग की बड़ी भूमिका को पेश करते हुए अखबार ने कहा, एक जिम्मेदार ताकत के तौर पर चीन को क्षेत्रीय व्यवस्था कायम रखनी चाहिए। उसने कहा कि चीन इससे अवगत है कि आतंकवाद एक ज्वलंत मुद्दा है। अखबार ने कहा, चीन ने भारत के साथ आतंकवाद विरोधी व्यवस्था बनाई है लेकिन क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता हमेशा एक प्राथमिकता होगी। उसने कहा, भारत और पाकिस्तान के बीच कोई भी टकराव क्षेत्र में दूसरी ताकतों को ला सकता है जो हालात को और जटिल बनाएंगे।