बिश्केक (किर्गिज़स्तान): भारत ने सोमवार को कहा कि वह अफगानिस्तान के घटनाक्रम पर करीब से नजर रख रहा है। इसके साथ ही भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एक प्रस्ताव में उल्लेखित अंतरराष्ट्रीय समुदाय की अपेक्षाओं को तालिबान शासन द्वारा पूरा किये जाने के महत्व को भी रेखांकित किया। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने किर्गिस्तान के विदेश मंत्री रुस्लान कजाकबायेव के साथ एक सकारात्मक बैठक के बाद संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान यह टिप्पणी की। बता दें कि जयशंकर किर्गिस्तान, कजाकिस्तान और अर्मेनिया की चार दिन की यात्रा के तहत रविवार को यहां पहुंचे थे।
एस जयशंकर ने कहा कि कजाकबायेव के साथ उनकी बैठक में कुछ देर तक अफगानिस्तान के घटनाक्रम पर और क्षेत्र की शांति एवं सुरक्षा पर इसके प्रभाव पर बातचीत हुई। उन्होंने कहा, ‘‘हम अफगानिस्तान के घटनाक्रम पर करीब से नजर रख रहे हैं। हम सभी इसे लेकर चिंतित हैं। अफगानिस्तान में किसी भी अस्थिरता का प्रभाव क्षेत्र पर भी पड़ेगा। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की अफगानिस्तान में मौजूदा शासन से अपेक्षाएं हैं, जिनके बारे में यूएनएससीआर 2593 में काफी विस्तार से बताया गया है।’’
जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘अफगानिस्तान में हालिया घटनाक्रम को लेकर भारत और किर्गिस्तान का साझा दृष्टिकोण है।’’ उन्होंने कहा कि भारत और किर्गिस्तान के पारंपरिक रूप से निकट और सद्भावनापूर्ण संबंध हैं, जिन्हें दोनों देशों के ऐतिहासिक तथा सभ्यता पर आधारित संबंध और मजबूत करते हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच समय-समय पर उच्च स्तरीय वार्ताएं द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने तथा और विस्तार देने में मददगार रही हैं।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया था कि कोई देश अफगानिस्तान के हालात का फायदा लेने की कोशिश नहीं करे और अपने स्वार्थ सिद्ध हितों के लिए इनका इस्तेमाल नहीं करे।
न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा था कि यह सुनिश्चित करना भी बहुत आवश्यक है कि अफगानिस्तान के क्षेत्र का इस्तेमाल आतंकवाद के प्रसार और आतंकवादी हमलों के लिए नहीं किया जाए।