बीजिंग. गलवान घाटी में हालात तनावपूर्ण हैं। सोमवार रात भारत और चीन की सेनाओं में खूनी झड़प हुई। जिसमें हमारे तीन जवान शहीद हो गए और चीन की PLA के पांच सैनिक मारे गए। हालांकि चीन अभी भी अपनी गलती मानने को तैयार नहीं है। ग्लोबल टाइम्स में झपी खबर के मुताबिक चीनी मिलिट्री प्रवक्ता अपनी गलती मानना तो दूर, उल्टा भारत को आखें दिखा रहा है।
चीन की PLA के वेस्टर्न थेयटर कमांड के प्रवक्ता कर्नल Zhang Shuili ने कहा कि भारतीय सैनिकों ने अपने वादे को तोड़ा और LAC पार की और जानबूझकर भड़काने वाले अटैक किए, जिस वजह से कई जानें गईं और नुकसान हुआ। कर्नल Zhang Shuili ने कहा कि भारत को सभी उकसावे वाली कार्रवाइयों को रोकना चाहिए। चीनी पक्ष से मुलाकात करनी चाहिए और विवादों को बातचीत के जरिए सुलझाना चाहिए।
आपको बता दें कि भारतीय और चीनी सेना के बीच पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील, गलवान घाटी, डेमचोक और दौलतबेग ओल्डी में तनाव चल रहा है। बड़ी संख्या में चीनी सैनिक वास्तविक सीमा पर पैंगोंग झील सहित कई भारतीय क्षेत्रों में घुस आए थे। भारत ने इसका कड़ा विरोध करते हुए चीनी सैनिकों को इलाके में शांति बहाल करने के लिये तुरंत पीछे हटने के लिये कहा।
दोनों देशों के बीच इस विवाद को सुलझाने के लिये बीते कुछ दिनों में कई बार बातचीत हो चुकी है। इस विवाद को खत्म करने के लिये पहली बार गंभीरता से प्रयास करते हुए लेह स्थित 14वीं कोर के जनरल कमांडिंग ऑफिसर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और तिब्बत सैन्य जिले के मेजर जनरल लीयू लिन ने छह जून को करीब सात घंटे तक बैठक की थी।
बैठक के बाद मेजर जनरल स्तर की दो दौर की वार्ता हुई। भारतीय पक्ष उन क्षेत्रों में से हजारों चीनी सैनिकों की तत्काल वापसी पर जोर दे रहा है, जिन्हें भारत अपना क्षेत्र मानता है। इससे पहले भारतीय सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने कहा था कि दोनों देशों की सेना चरणबद्ध तरीके से वापस लौट रही हैं। उन्होंने कहा था, ''हमने गलवान नदी के उत्तर की ओर से अपने सैनिक हटाने शुरू किये हैं, जहां काफी तनाव हुआ था। दोनों देशों के बीच काफी सकारात्मक संवाद हुआ है।''