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डोकलाम गतिरोध को पीछे छोड़ आगे बढ़ने पर सहमत हुए भारत और चीन

डोकलाम गतिरोध को पीछे छोड़ते हुए भारत और चीन ने अपने संबंधों में भविष्योन्मुखी रुख अपनाने और अधिक प्रयास करने पर सहमति जताई...

Reported by: Bhasha
Published on: September 05, 2017 16:41 IST
Narendra Modi and Xi Jinping- India TV Hindi
Narendra Modi and Xi Jinping | AP Photo

शियामेन: डोकलाम गतिरोध को पीछे छोड़ते हुए भारत और चीन ने अपने संबंधों में भविष्योन्मुखी रुख अपनाने और अधिक प्रयास करने पर सहमति जताई ताकि ऐसी घटनाएं फिर नहीं हों। डोकलाम गतिरोध के खत्म होने के बाद मंगलवार को हुई पहली विधिवत द्विपक्षीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने रचानात्मक बातचीत की और इस दौरान उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत-चीन संबंधों के विकास के लिए सीमावर्ती इलाकों में शांति एवं सौहार्द बरकरार रखना जरूरी है। शी के साथ अपनी बातचीत के बाद मोदी ने ट्वीट किया, ‘राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मुलाकात की। हमने भारत और चीन के बीच के द्विपक्षीय संबंधों पर सार्थक बातचीत की।’

बैठक के बाद विदेश सचिव एस. जयशंकर ने कहा कि एक घंटे से अधिक समय की बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने संयुक्त आर्थिक समूह, सुरक्षा समूह और रणनीतिक समूह जैसी उन अंतर-सरकारी व्यवस्थाओं के बारे में भी बात की जिनकी मदद से दोनों देश आगे बढ़ सकते हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या दोनों पक्ष डोकलाम गतिरोध को पीछे छोड़ चुके हैं, जयशंकर ने कहा, यह भविष्योन्मुखी बातचीत रही और पीछे मुड़कर देखने वाली बातचीत नहीं थी। उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं ने दोनों पक्षों के बीच परस्पर विश्वास को बढ़ाने और मजबूत करने के प्रयास करने की जरूरत पर जोर दिया और यह महसूस किया गया कि सुरक्षा एवं रक्षाकर्मियों को पुख्ता संपर्क और सहयोग बनाए रखना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हाल ही में पैदा हुए हालात फिर न पैदा हों।

जयशंकर ने कहा कि दो पड़ोसियों या बड़ी ताकतों के बीच मतभेद होना स्वाभाविक है, लेकिन उनको परस्पर सम्मान के साथ मामले को संभालना चाहिए तथा समाधान के संदर्भ में सहमति के लिए प्रयास करने चाहिए। मुलाकात के दौरान मोदी और शी ने इस साल अस्ताना में उनके बीच बनी उस सहमति पर जोर दिया कि मतभेदों को विवाद नहीं बनने दिया जाए। इस मुलाकात के दौरान मोदी ने बेहद सफल ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को लेकर शी को बधाई दी और कहा कि तेजी से बदलती दुनिया में इस समूह को अधिक प्रासंगिक बनाने में यह सम्मेलन सफल रहा है। डोकलाम में दोनों देशों के बीच 16 जून को गतिरोध उस वक्त पैदा हुआ था जब भारतीय पक्ष ने चीनी सैनिकों के सड़क निर्माण के काम को रोक दिया था।

बीते 28 अगस्त को भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि नई दिल्ली और बीजिंग ने डोकलाम इलाके से अपने सैनिकों को हटाने का फैसला किया है। बीजिंग में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा कि मुलाकात के दौरान राष्ट्रपति शी ने इस बात पर जोर दिया कि चीन और भारत एक दूसरे के लिए खतरा नहीं, अवसर हैं। उन्होंने कहा, ‘हम आशा करते हैं कि भारत चीन के विकास को सही और तार्किक ढंग से देख सकता है।’ यह पूछे जाने पर कि क्या दोनों नेताओं के बीच बातचीत के दौरान डोकलाम का मामला उठा तो गेंग ने कहा, ‘शी ने कहा कि चीन और भारत को सीमावर्ती इलाके में शांति एवं सौहार्द सुनिश्चित करने के लिए एक दूसरे का सम्मान करना चाहिए, सहमति बनानी चाहिए और मतभेदों को दूर करना चाहिए।  जहां तक मैं जानता हूं, प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर सहमति जताई है कि दोनों पक्षों को सीमावर्ती इलाकों में शांति और सौहार्द्र के लिए मिलकर काम करना चाहिए।’

गेंग के अनुसार शी ने मोदी से कहा कि अगर द्विपक्षीय संबंध ठोस और सतत ढंग से आगे बढ़ता है तो इससे दोनों पक्षों के हितों की पूर्ति होगी और क्षेत्र की साझा अकांक्षाएं भी पूरी हो सकेंगी। उन्होंने कहा, ‘शी ने इस बात पर जोर दिया कि चीन और भारत एक दूसरे के पड़ोसी और दो महत्वपूर्ण बाजार तथा उभरती हुई अर्थव्यवस्थाएं हैं।’ बातचीत के दौरान चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि हाल के वर्षों में दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों को लेकर व्यापक सहमति बनाई है। दोनों पक्ष आगे बढ़ रहे हैं और इस सिद्धात पर अमल करते हुए आगे बढ़ रहे हैं। उनके मुताबिक शी ने कहा कि चीन परस्पर राजनीतिक विश्वास को बढ़ाने, परस्पर रूप से फायदे के सहयोग को बढ़ावा देने और चीन-भारत संबंधों को सही मार्ग पर ले जाने के पंचशील के सिद्धांत के आधार पर भारत के साथ मिलकर काम करने का इच्छुक है।

गेंग ने कहा, ‘शी ने मोदी से कहा कि हमें दुनिया को यह दिखाने की जरूरत है कि शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व और परस्पर लाभपूर्ण सहयोग ही दोनों देशों के बीच एकमात्र सही विकल्प है। दोनों देशों को सीमा पर शांति एवं सौहार्द सुनिश्चित करने के लिए मतभेदों को दूर करना चाहिए और सहमति विकसित करनी चाहिए।’ शी ने आर्थिक सहयोग के विस्तार के लिए रणनीतियां तय करने का भी आवाह्न किया। गेंग के अनुसार शी ने मोदी से कहा, ‘साथ मिलकर हम अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को अधिक न्यायसंगत और तार्किक ढंग से आगे बढ़ा सकते हैं।' म्यांमार के अपने दौरे से ठीक पहले मोदी ने चीनी राष्ट्रपति से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान उनके साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश सचिव एस जयशंकर सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। इससे पहले मोदी ने मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फतह अल-सीसी के साथ द्विपक्षीय बैठक की।

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