जकार्ता: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विदोदो के बीच गहन वार्ता के बाद दोनों देशों ने समग्र रणनीतिक साझेदारी के लिए अपने संबंधों को और मजबूती प्रदान करने पर सहमति जतायी है। दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग समेत कुल 15 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। मोदी कल रात इंडोनेशिया की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर यहां पहुंचे , जहां मरडेका महल में उनका रेड कार्पेट पर भव्य स्वागत किया गया। प्रतिनिधि स्तर की वार्ता से पहले दोनों नेताओें के बीच आमने - सामने बातचीत भी हुई। वार्ता के बाद एक संयुक्त प्रेस बयान में मोदी ने कहा कि भारत और इंडोनेशिया ने समग्र रणनीतिक साझेदारी के लिए अपने संबंधों को और मजबूत करने पर रजामंदी जतायी है। (7 जून को अमेरिका का दौरा करेंगे जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे )
बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने समुद्र , अर्थव्यवस्था और सामाजिक - सांस्कृतिक क्षेत्र में सहयोग की संभावनाओं के साथ - साथ क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी बातचीत की। मोदी ने कहा कि भारत की ‘ एक्ट ईस्ट नीति ’ और सागर (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा एवं वृद्धि) दृष्टिकोण राष्ट्रपति विदोदो की ‘ मैरीटाइम फल्करम नीति ’ से मेल खाता है। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देश अपने द्विपक्षीय व्यापार को 2025 तक 50 अरब डॉलर पर ले जाने के लिए अपने प्रयासों को दोगुना करेंगे।
दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों के समूह आसियान के राष्ट्र प्रमुखों के इस वर्ष जनवरी में भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने के मौके को याद करते हुए मोदी ने कहा कि भारत - आसियान साझेदारी ना सिर्फ हिंद - प्रशांत क्षेत्र में शांति की गारंटी बन गई है बल्कि यह उससे भी आगे बढ़ चुकी है। मोदी ने हाल में इंडोनेशिया के दूसरे सबसे बड़े शहर सुरबाया में तीन गिरजाघरों पर हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की , साथ ही कहा कि आतंक से जकार्ता की लड़ाई में भारत उसके साथ खड़ा है। दोनों देशों के बीच रक्षा , अंतरिक्ष , विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी , रेलवे और स्वास्थ्य इत्यादि क्षेत्रों में कुल 15 समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं।