ताइपे: चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। उसने एक बार फिर ताइवान को धमकाने का प्रयास किया है। इस बार उसने ताइवान के दक्षिणी जल क्षेत्र के ऊपर सोमवार को 52 लड़ाकू विमान उड़ाकर ताइवान को धमकाने का प्रयास किया। यह उसका अब तक का सबसे बड़ा ताकत का प्रदर्शन माना जा रहा है। ताइवान के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक उड़ान भरने वाले लड़ाकू विमानों में 34 जे-16 लड़ाकू विमान और 12 एच-6 बमवर्षक विमान थे। ताइवान की वायुसेना ने चीन के लड़ाकू विमानों को वापस लौटने पर मजबूर किया और अपनी वायु रक्षा प्रणाली पर चीनी युद्धक विमानों की गतिविधियों पर नजर रखी।
चीन ने शुक्रवार को अपने राष्ट्रीय दिवस के मौके पर 38 और शनिवार को 39 लड़ाकू विमानों को ताइवान की ओर भेजा था। रविवार को उसने 16 अतिरिक्त विमानों को उसकी ओर भेजा था। बता दें कि ताइवान चीन के पूर्वी तट से 160 किलोमीटर दूर है और उसकी आबादी 2.40 करोड़ है। चीन पिछले एक साल से अधिक समय से ताइवान के दक्षिण में लगातार सैन्य विमान भेज रहा है।
ताइवान के वायु रक्षा पहचान क्षेत्र में इतने विमानों की आवाजाही के बाद अमेरिका भड़क गया है और उसने चीन को चेतावनी दे दी है। अमेरिका ने इस मामले पर चीन से उसकी उकसाने वाली सैन्य गतिविधियों को रोकने के लिए कहा है। अमेरिकी विदेश विभाग ने वक्तव्य जारी करके कहा था, ‘‘हम बीजिंग से अनुरोध करते हैं कि वह ताइवान के खिलाफ सैन्य, कूटनीतिक और आर्थिक दबाव एवं बल पूर्वक कार्रवाई बंद करे।’’
अमेरिका ने कहा कि हम ताइवान के सबसे बड़े हथियार आपूर्तिकर्ता हैं और वहां की सरकार की पर्याप्त आत्मरक्षा क्षमता के लिए मदद करना जारी रखेंगे। अमेरिका ने कहा कि चीन की इस गतिविधि से हम रुकने वाले नहीं हैं। अमेरिका ने अपने बयान में आगे कहा कि ताइवान के नजदीक इस तरह की सैन्य गतिविधि से क्षेत्रीय शांति व स्थिरता को कमतर करने की कोशिश की जा रही है।
चीन ने धमकी भी दी है कि ताइवान की आजादी का मतलब युद्ध है। चीन ताइवान पर अपना दावा करता है। गृह युद्ध के बाद 1949 में दोनों अलग हो गए, कम्युनिस्ट समर्थकों ने चीन पर कब्जा कर लिया था और उसके प्रतिद्वंद्वी नेशनलिस्ट समर्थकों ने ताइवान में सरकार बनाई थी। कम्युनिस्ट पार्टी ने शुक्रवार को अपने शासन की 72वीं वर्षगांठ मनाई।