इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पनामागेट (पनामागेट) घोटाला मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित संयुक्त जांच दल (JIT) के समक्ष आज हाजिर हुए। प्रधानमंत्री ने इसके बाद कहा कि उन्होंने और उनके परिवार ने कुछ गलत नहीं किया है तथा अपनी लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार के खिलाफ साजिश रचने के लिए कुछ अज्ञात तत्वों को निशाना बनाया। उन्होंने कहा, आज मैंने अभी अभी जेआईटी के सामने अपना रुख पेश किया। वह पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री हैं जो पद पर रहते हुए इस तरह के किसी आयोग के सामने पेश हुए हैं। 67 वर्षीय नेता ने कहा कि इन आरोपों का प्रधानमंत्री के तौर पर उनके कार्यकाल से कुछ लेना देना नहीं है और ये भ्रष्टाचार के आरोप नहीं हैं। (पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने की अमेरिकी ड्रोम हमले की निंदा)
शरीफ ने छह सदस्यीय दल द्वारा करीब तीन घंटे तक की गयी पूछताछ के बाद कहा, इस बात पर ध्यान दिया जाना चाहिए कि इन आरोपों का प्रधानमंत्री के तौर पर मेरे कार्यकाल से कुछ लेना देना नहीं है और ये भ्रष्टाचार के आरोप नहीं हैं। ये मुझापर और मेरे परिवार पर पारिवारिक कारोबार को लेकर व्यक्तिगत स्तर पर लगे आरोप हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री एवं तीसरी दफा बने प्रधानमंत्री के तौर पर उन्होंने खरबों रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी लेकिन मेरे विरोधी मुझा पर कुछ भी गलत करने का आरोप नहीं लगा सकते। शरीफ ने कहा कि उन्हें और उनके परिवार को बार बार कठोर जवाबदेही का सामना करना पड़ा है लेकिन उनके खिलाफ कभी भी भ्रष्टाचार का कोई आरोप साबित नहीं हुआ।
उन्होंने विश्वास जताया कि मौजूदा जांच का नतीजा अलग नहीं होगा क्योंकि उन्होंने या उनके परिवार ने कुछ गलत नहीं किया है। प्रधानमंत्री आरोप लगाया कि कुछ अज्ञात तत्व उनके एवं लोकतंत्र के खिलाफ साजिश रच रहे हैं जिससे देश का नुकसान होगा। उन्होंने कहा, मेरे राजनीतिक विरोधियों की सभी साजिशें नाकाम होंगी। JIT के प्रमुख वाजिद जिया ने शरीफ को मामले से जुडे़ सभी कागजात ले कर आज छह सदस्यीय दल के समक्ष तलब किया था। शरीफ के कजाखस्तान से वापस लौटने के बाद उन्हें सम्मन जारी किया गया। शरीफ शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए कजाकिस्तान गए थे।
सुप्रीम कोर्ट ने पनामा पेपर मामले में 20 अप्रैल को जेआईटी का गठन किया था और उसे प्रधानमंत्री, उनके बेटे और मामले से जुड़े किसी भी अन्य व्यक्ति से पूछताछ करने का अधिकार दिया था। यह दल धन शोधन मामले की जांच कर रहा है जिसके जरिए लंदन के पॉश पार्क लेन क्षेत्र में चार अपार्टमेंट खरीदे गए थे।
जेआईटी को 60 दिन में अपनी जांच पूरी करनी है।