इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भारत के नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ बयानबाजी में यहां तक कह गए कि इससे भारत में पचास करोड़ लोगों की नागरिकता खत्म हो जाएगी। पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, इमरान ने एक साक्षात्कार में कहा कि भारत में सीएए के बाद नेशनल रजिस्टर आफ सिटिजन (NRC) बनाया जाएगा और इस पूरी कार्रवाई में वहां के पचास करोड़ लोगों की नागरिकता खत्म हो जाएगी।
उन्होंने कहा, "भारत में मोदी सरकार अल्पसंख्यकों को किनारे लगा कर म्यांमार जैसी हिंसा के हालात पैदा कर रही है। ठीक ऐसी ही बातें म्यांमार में हुई थीं जहां पहले उन्होंने (म्यांमार सरकार ने) पंजीकरण का काम किया और फिर इसी के जरिए मुसलमानों को अलग कर उनका संहार किया। मेरी आशंका यही है कि भारत इसी दिशा में जा रहा है।"
इमरान से पूछा गया कि क्या मौजूदा घटनाक्रम के बाद भारत से लोग पलायन कर क्या पाकिस्तान और बांग्लादेश आना चाहेंगे, तो उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि बांग्लादेश पहले से ही चिंतित है क्योंकि असम में उन्होंने (भारत ने) पहले ही करीब बीस लाख लोगों को गैरपंजीकृत कर दिया है। मुझे ठीक-ठीक संख्या का पता नहीं है लेकिन इतने लोगों का क्या होगा?"
इमरान ने चीन के कर्ज के जाल में फंसने की आशंका के कारण चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजना पर उठ रहे सवालों को खारिज किया। उन्होंने कहा कि इस बात का सिरे से कोई आधार ही नहीं है कि पाकिस्तान, चीन के कर्ज के जाल में फंस रहा है।
अमेरिका और ईरान के बीच तनाव के बारे में उन्होंने कहा कि यह अभी भी बना हुआ है लेकिन संतोष की बात यह है कि राजनयिक प्रयासों से इलाके में जंग टल गई है। उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि पाकिस्तान ने इस तनाव को घटाने में अपनी भूमिका निभाई है लेकिन इस तरह के विवादों के स्थायी समाधान की जरूरत है।