नई दिल्ली. कुछ ही दिनों पहले UAE ने इजरायल के साथ डिपलोमेटिक संबंध स्थापित करने का फैसला किया है। दोनों देशों बीच रिश्तों पर जमी बर्फ पिघली है। दोनों ही देशों के अधिकारी आपस में विभिन्न विषयों पर बात कर रहे हैं, लेकिन पाकिस्तान को UAE का ये फैसला पसंद नहीं आया है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने इजरायल के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने की किसी भी संभावना को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया है।
इमरान खान ने पाकिस्तान के एक प्राइवेट टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा, "इजरायल पर हमारी नीति स्पष्ट है: कायदे-आज़म (मुहम्मद अली जिन्ना) ने कहा था कि पाकिस्तान तब तक इजरायल के राज्य को स्वीकार नहीं कर सकता है जब तक कि फिलिस्तीन के लोगों को अधिकार और एक स्वतंत्र राज्य नहीं मिल जाता है।"
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आपको बता दें कि पाकिस्तान और इजरायल के बीच राजनयिक संबंध नहीं हैं और दोनों देशों के विमानों को एक-दूसरे के हवाई क्षेत्र का उपयोग करने की अनुमति नहीं है।
इंटरव्यू में इमरान खान ने आगे कहा कि यदि हम इजरायल को मान्यता देते हैं और फिलिस्तीनियों द्वारा सामना किए जा रहे अत्याचार को अनदेखा करते हैं, तो हमें कश्मीर को भी छोड़ना होगा और हम ऐसा नहीं करेंगे। जब इमरान से पूछा गया कि इजरायल के आसपास बसे अरब देश जब उसके साथ संबंध स्थापित कर रहे हैं और शांति समझौते कर रहे हैं तो इमरान ने कहा कि हर देश की अपने एक अलग विदेश नीति होती है।
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हाल ही में सऊदी अरब के साथ रिश्तों में आई खटास पर इमरान खान ने कहा कि सऊदी अरब हमारे प्रमुख दोस्तों में से एक है और हमारे संबंध अभी भी पहले की तरह हैं। इंटरव्यू में इमरान खान ने चीन की तारीफ करते हुए कहा कि पाकिस्तान का भविष्य चीन के साथ लिंक है, चीन ने हर मुश्किल वक्त में पाकिस्तान का साथ दिया है। इमरान ने बताया कि चीन के राष्ट्रपति शी जिंगपिंग सर्दियों में पाकिस्तान के दौरे पर आ रहे हैं।
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