नई दिल्ली: इस्लामाबाद और काबुल के बीच संबंधों में आई गिरावट के बीच पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी संग फोन पर बात करने से इनकार कर दिया है। पाकिस्तानी सूत्रों के मुताबिक, फोन कॉल को रद्द करने के बारे में मीडिया में फिलहाल कोई सूचना नहीं आई है। हालांकि इसकी दो वजहें बताई जा रही हैं। पहली वजह यह है कि डेर स्पीगल के साथ एक इंटरव्यू में राष्ट्रपति अशरफ गनी ने पाकिस्तान के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की। इतना ही नहीं, उनके राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हमदुल्ला मोहिब ने पाकिस्तान को 'वेश्यालय' तक कह दिया। इस बात से पाकिस्तान बेहद नाराज है।
दिलचस्प बात यह है कि इमरान खान द्वारा फोन कॉल को रद्द किए जाने से ठीक पहले शनिवार 5 जून को पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अफगान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हमदुल्ला मोहिब की हालिया टिप्पणी पर कठोर प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। उन्होंने कहा था कि अफगान NSA के बयान से तालिबान के साथ शांति वार्ता करने के प्रयासों को नुकसान होगा, हालांकि उन्होंने यह भी कहा था कि इस तरह के बयान काबुल-इस्लामाबाद के संबंधों को प्रभावित नहीं करेंगे।
गुस्से से तिलमिलाए विदेश मंत्री ने अफगान अधिकारी को संबोधित करते हुए कहा था, ‘मेरी बात ध्यान से सुनो। पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में स्थिरता हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार को अपने बयान की समीक्षा करनी चाहिए। वह शांति की राह में बाधा पैदा कर रहे हैं। पाकिस्तान ने बड़ी कीमत चुकाई है। हमने अपने कंधे पर जिम्मेदारी ली है। हम शांति की बात कर रहे हैं, स्थिरता की बात कर रहे हैं, लेकिन आप जिन शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिस तरह से पाकिस्तान को बदनाम कर रहे हैं, मैं पाकिस्तान के विदेश मंत्री के रूप में आपको बता रहा हूं कि अगर आप इस तरह की टिप्पणियों को बंद नहीं करते हैं, कोई भी ईमानदार पाकिस्तानी आपसे हाथ नहीं मिलाएगा और न ही आपसे बात करेगा।’
कुरैशी ने कहा था, ‘प्रधानमंत्री से लेकर सेना प्रमुख तक पाकिस्तान के अधिकारी शांति के लिए काबुल गए थे। लेकिन इसके बाद भी एनएसए ने पाकिस्तान की तुलना एक वेश्यालय से की। आपको शर्म आनी चाहिए और आपको अपने शब्दों पर खेद जताना चाहिए। नंगरहार में आपके भाषण के बाद से मेरा खून खौल रहा है।’ 13 मई को अफगान एनएसए मोहिब ने कंधार के पूर्वी प्रांत की यात्रा के दौरान पाकिस्तान की आलोचना करते हुए कहा था कि इस्लामाबाद, एक सत्ता-विरोधी समूह का समर्थन करके अफगानिस्तान में अपने क्षेत्र का विस्तार कर रहा है। (IANS)