इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने संशोधित नागरिकता कानून को लेकर प्रधानमंत्री इमरान खान की टिप्पणी की आलोचना करने के लिए भारत पर निशाना साधते हुए कहा है कि यह ‘झूठ’ पर आधारित है। इमरान खान ने बृहस्पतिवार को नागरिकता (संशोधन) विधेयक की आलोचना करते हुए भारत सरकार पर आरोप लगाया कि वह सुनियोजित तरीके से ‘‘हिंदू सर्वोच्चवादी एजेंडा’’ को आगे बढ़ा रही है और ‘‘इससे पहले कि देर हो जाए, विश्व को अवश्य ही कदम उठाना चाहिए।’’
खान ने मंगलवार को कहा था कि विधेयक ‘मानवाधिकार पर अंतरराष्ट्रीय कानून के सभी प्रावधानों और पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय समझौते का उल्लंघन करता है’ और यह हिंदू राष्ट्र के लिए आरएसएस की विस्तारवादी सोच का हिस्सा है। भारत ने बृहस्पतिवार को इमरान खान पर पलटवार किया और कहा कि ऐसी ‘अवांछित आलोचना’ धार्मिक अल्पसंख्यकों पर ‘जबर्दस्त अत्याचार’ से इस्लामाबाद को दोषमुक्त नहीं करती है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर अत्याचार देश के संविधान और उसके ‘क्रूर’ ईशनिंदा कानून की वजह से ही होता है। कुमार ने कहा, ‘‘हमारे आंतरिक मामलों पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की अवांछित और निराधार टिप्पणी पर मैं प्रतिक्रिया नहीं दूंगा।’’
कुमार के बयान पर प्रतिक्रिया जताते हुए पाकिस्तान विदेश कार्यालय ने शुक्रवार को कहा, ‘‘हम इस सप्ताह भारतीय संसद द्वारा पारित भेदभाव वाले नागरिकता विधेयक के संबंध में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के ट्वीट के बारे में भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के बयानों को खारिज करते हैं।’’
विदेश मंत्रालय ने कहा कि कई अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों और भारत के भीतर भी कई तटस्थ पर्यवेक्षकों ने कानून को मुसलमानों के खिलाफ भेदभावपूर्ण बताते हुए असंवैधानिक बताया है। विदेश विभाग ने कहा कि हम दोहराते हैं कि यह भारतीय कानून झूठ पर आधारित है।