यांगून: म्यांमार में तख्तापलट के बाद सत्ता पर सेना के कब्जा करने के एक दिन बाद मंगलवार को संसद के सैकड़ों सदस्यों को उनके सरकारी आवास में नजरबंद कर दिया और उसके बाहर सैनिक तैनात कर दिये गये। वहीं, देश की लोकतंत्र समर्थक नेता आंग सान सू ची सहित वरिष्ठ नेताओं को हिरासत में ले लिया गया है। नजरबंद किये गये एक सांसद ने कहा कि उन्होंने और 400 अन्य सांसदों ने रात जाग कर काटी। सांसद ने कहा, ‘‘हमें सतर्क और जागते रहना पड़ा।’’
उन्होंने बताया कि उस परिसर के अंदर पुलिस और बाहर सैनिक थे, जहां सू ची की पार्टी के सदस्यों और अन्य छोटे दलों के नेताओं को रखा गया है। बता दें कि म्यांमार में सेना ने सोमवार को तख्तापलट कर दिया और शीर्ष नेता आंग सान सू ची समेत उनकी पार्टी के कई शीर्ष नेताओं को हिरासत में ले लिया। सेना के स्वामित्व वाले मयावाडी टीवी ने सोमवार सुबह घोषणा की कि सेना ने एक साल के लिए देश का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया है।
कई अन्य खबरों में कहा गया है कि सू ची समेत देश के वरिष्ठ नेताओं को हिरासत में लिया गया है। इसके साथ ही सेना के तैयार किए संविधान के उस हिस्से का हवाला दिया गया जो राष्ट्रीय आपातकाल की स्थिति में देश का नियंत्रण सेना को अपने हाथों लेने की इजाजत देता है।
सैन्य तख्तापलट की आशंका कई दिनों से बनी हुई थी। सेना ने अनेक बार इन आशंकाओं को खारिज किया था लेकिन देश की नई संसद का सत्र सोमवार को आरंभ होने से पहले ही उसने यह कदम उठा लिया। म्यांमार में पांच दशक तक सैन्य शासन रहा और वहां हाल के वर्षों में लोकतंत्र कायम करने की दिशा में आंशिक लेकिन अहम प्रगति हुई थी। इस बीच हुए इस तख्तापलट से इस प्रक्रिया को खासा झटका लगा है।
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