सना: यमन के होदैदा शहर में हूती विद्रोहियों के नियंत्रण वाले कोर्ट ने 'सऊदी अरब के लिए जासूसी' करने के आरोप में 16 लोगों को मौत की सजा सुनाई है। इन सभी के ऊपर आरोप था कि इन्हीं की जासूसी के चलते हूती विद्रोहियों के एक बड़े नेता की सऊदी अरब के नेतृत्व वाले गठबंधन के हवाई हमले में मौत हो गई थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जिन लोगों को मौत की सजा सुनाई गई है वे यमन के नागरिक हैं, लेकिन इनकी पहचान पता नहीं चल पाई है।
यमन की सरकार ने नहीं की टिप्पणी
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सोमवार को एक रिपोर्ट में हूती विद्रोहियों द्वारा संचालित अल-मसीराह टीवी ने अभियुक्तों की पहचान जाहिर नहीं की, लेकिन इतना जरूर कहा कि वे यमन के हैं और अदालत ने उन्हें जासूसी के लिए दोषी ठहराया। इसमें बताया गया कि इन्हीं लोगों की जासूरी के चलते अप्रैल 2018 में होदैदा में सऊदी के नेतृत्व वाले गठबंधन के हवाई हमले में शीर्ष विद्रोही नेता सालेह अल-समद मारा गया था। हूती विद्रोहियों के इस फैसले पर गठबंधन समर्थित यमनी सरकार की ओर से अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की गई थी।
2014 से गृहयुद्ध की चपेट में है यमन
यमन 2014 के अंत से गृहयुद्ध की चपेट में है, जब ईरान समर्थित हूती समूह ने देश के उत्तरा क्षेत्र के अधिकांश हिस्से पर नियंत्रण कर लिया और सऊदी समर्थित सरकार के राष्ट्रपति अब्द-रब्बुह मंसूर हादी को राजधानी सना से बेदखल होने पर मजबूर कर दिया। बता दें कि इस लड़ाई में हजारों निर्दोष नागरिक मारे गए हैं, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। इसके अलावा करीब 30 लाख लोग विस्थापित भी हुए हैं और कम से कम 2 करोड़ लोग भुखमरी की कगार पर हैं। (IANS)