बीजिंग: भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ कामकाजी स्तर की चार पक्षीय बैठक के ट्रंप प्रशासन के प्रस्ताव पर चीन ने रविवार को बेहद सतर्क प्रतिक्रिया दी। इस गोलबंदी पर चीनी विदेश मंत्रालय ने उम्मीद जाहिर की है कि इसके टारगेट पर चीन नहीं है और यह समय के रुझानों के अनुरूप होगा और ये रुझान शांति, विकास और सहयोग के हैं। चीन ने कहा कि बीजिंग को उम्मीद है कि इससे तीसरे पक्ष का हित प्रभावित नहीं होगा या उसे निशाना नहीं बनाया जाएगा। अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के लिए चिंता का विषय यह है कि भारत-प्रशांत क्षेत्र में चीन का दबदबा बढ़ रहा है और वह अपने महत्वाकांक्षी OBOR के जरिए संपर्क बनाने वाली परियोजनाओं का विकास कर रहा है।
विदेश विभाग ने पिछले महीने कहा था कि अमेरिका भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ कम समय में कामकाजी स्तर की चार पक्षीय बैठक पर विचार कर रहा है। हालांकि, चीन ने प्रस्ताव को क्षेत्र में उसके प्रभाव से मुकाबला करने के प्रयास के तौर पर देखा था। इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए चीनी विदेश मंत्रालय ने उम्मीद जताई कि ऐसी व्यवस्था से देशों के बीच आपसी भरोसा बढ़ेगा और उसका हित प्रभावित नहीं होगा। चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘चीन को उम्मीद है कि संबंधित देशों के बीच तालमेल समय की प्रवृत्ति को अपनाएगा, जिसका संदर्भ शांति, विकास और सहयोग तथा साझा फायदे से है।’
पिछले हफ्ते अमेरिकी सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि वॉशिंगटन भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ मिलकर एक 'फलदायी' आदान-प्रदान में दिलचस्पी रखता है। जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे भी चारों शक्तियों के साथ कुछ ऐसी ही व्यवस्था के हिमायती हैं। वहीं भारत ने प्रस्ताव को लेकर यह कहते हुए सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है कि 'समान अभिरुचि के साथ प्रासंगिक अजेंडे पर काम करने वाले देशों के साथ वह खुले मन से सहयोग करने को तैयार है।'