कराची. पाकिस्तान में कट्टरपंथियों की भीड़ द्वारा एक और हिंदू मंदिर को निशाना बनाने की घटना सामने आई है। हालांकि इस बार बचाव करने वाले लोग मुस्लिम पड़ोसी ही थे। अब तक ऐसे ज्यादातर मामले पाकिस्तान में सिंध प्रांत के दूरदराज के इलाकों में हुए थे, लेकिन इस बार हमला सिंध प्रांत की राजधानी कराची में हुआ। मंगलवार को यह हमला किया गया था। हिंदू मंदिर पर यह हमला कराची के ऐसे इलाके में हुआ जहां 300 से अधिक हिंदू परिवार रहते हैं। कराची के पुराने शहर इलाके में स्थित सीतल दास कंपाउंड में अब भी दहशत का माहौल है।
हिंदू समुदाय के निवासियों ने बताया कि मंगलवार की रात 9 बजे ल्यार इलाके में ली बाजार के पास स्थित कंपाउंड के बाहर गुस्साई भीड़ ने कंपाउंड पर हमला करने का प्रयास किया। एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, "भीड़ में से कई लोगों का इरादा हिंदू परिवारों पर हमला करने का था।" क्षेत्र के एक अन्य निवासी ने कहा, "कुछ गुस्साए लोग मंदिर तक पहुंच गए और उन्होंने इसे तोड़ने की कोशिश की।" डर के कारण रो रहे एक निवासी ने कहा, "मैंने ऐसा डर और दहशत कभी महसूस नहीं की।"
हालांकि इसी परिसर में रहने वाले बहादुर मुसलमान गेट तक पहुंचे और भीड़ को हिंदू परिवारों में प्रवेश करने और हमला करने से रोका। हिंदू समुदाय के एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, "भले ही हमें हमारे मुस्लिम पड़ोसियों ने बचा लिया लेकिन तब तक भीड़ विभाजन से पहले की तीन मूर्तियों को नष्ट कर चुकी थी।"
एक पुलिस अधिकारी ने भी यह पुष्टि की कि उस इलाके के मुस्लिम परिवारों के कारण ही भीड़ हिंदू समुदाय पर हमला करने में विफल रही। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "अगर मुस्लिम परिवार बचाव नहीं करते तो इस हमले को नाकाम करना बहुत मुश्किल होता।" इलाके के हिंदू समुदाय के बीच भय बना हुआ है, 60 से अधिक हिंदू परिवार तो शहर के अन्य क्षेत्रों में स्थानांतरित भी हो गए हैं। इसी परिसर में पूरी जिंदगी बिताने वाले हिंदू समुदाय के एक बुजुर्ग ने कहा कि पहले कभी भी इस तरह का हमला नहीं हुआ।