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इस्लामाबाद में हिंदू मंदिर स्थल पर निर्माण कार्य रोका गया

सीडीए के प्रवक्ता मज़हर हुसैन ने कहा कि नगर प्राधिकरण के भवन नियंत्रण कानून में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि भवन की योजना (मानचित्र) को मंजूरी मिलने तक किसी भी भूखंड पर कोई भी गतिविधि नहीं की जा सकती।

Written by: Bhasha
Published : July 04, 2020 22:33 IST
Pakistan
Image Source : TWITTER Pakistan Flag

इस्लामाबाद. पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में बनाए जाने वाले पहले हिंदू मंदिर के स्थल पर निर्माण कार्य, मंजूरी प्राप्त भवन योजना न होने के कारण रोक दिया गया है। शनिवार को मीडिया में आई एक खबर में यह जानकारी दी गई है। योजना के अनुसार, कृष्ण मंदिर का निर्माण राजधानी के एच-9 प्रशासनिक डिविजन में 20 हजार वर्ग फुट क्षेत्र में किया जाएगा। मानवाधिकार मामलों के संसदीय सचिव लाल चंद मल्ही ने हाल ही में मंदिर के लिए भूमि पूजन समारोह भी आयोजित किया था।

समाचार पत्र 'डॉन' की खबर के अनुसार, राजधानी विकास प्राधिकरण (सीडीए) ने शुक्रवार को कानूनी कारणों का हवाला देते हुए मंदिर के भूखंड पर चारदीवारी का निर्माण रोक दिया। खबर के अनुसार, बिल्डिंग कंट्रोल सेक्शन (बीसीएस) के अधिकारियों ने शुक्रवार को मंदिर के स्थल का दौरा कर निर्माण में व्यस्त लोगों से कहा कि उन्हें भवन योजना जमा करानी होगी और आगे बढ़ने से पहले उसे मंजूर कराना होगा।

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के सांसद मल्ही ने कहा, "हमने नियमों का पालन किया है। मंदिर की चारदीवारी इसलिए जरूरी थी क्योंकि मदरसे के छात्रों द्वारा समर्थित कुछ लोगों ने 2018 में भूखंड पर तंबू लगा दिये थे। हमें राजधानी के प्रशासन की मदद से जगह खाली कराने में महीनों लग गए थे।’’

सीडीए के प्रवक्ता मज़हर हुसैन ने कहा कि नगर प्राधिकरण के भवन नियंत्रण कानून में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि भवन की योजना (मानचित्र) को मंजूरी मिलने तक किसी भी भूखंड पर कोई भी गतिविधि नहीं की जा सकती। मल्ही ने कहा कि पंचायत ने धार्मिक मामलों के मंत्रालय के समक्ष भवन योजना प्रस्तुत की थी और मंत्री पीर नूरुल हक कादरी ने मंदिर के निर्माण के लिए 10 करोड़ रुपये का अनुदान मांगने के लिये एक रिपोर्ट के साथ इसे प्रधानमंत्री इमरान खान को भेज दिया था।

खबर में कहा गया है कि प्रधानमंत्री धार्मिक मामलों के मंत्रालय को निर्देश देंगे कि वह पूजा स्थल के लिए अनुदान के आवंटन की रिपोर्ट इस्लामिक विचारधारा परिषद (सीआईआई) को भेजे। प्रधानमंत्री खान की सत्तारूढ़ तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के सहयोगी दल पाकिस्तान मुस्लिम लीग-क्यू ने हाल ही में मंदिर के निर्माण का विरोध करते हुए दावा किया कि यह "इस्लाम की भावना के खिलाफ" है।

इस्लामाबाद में हिंदूओं की आबादी लगभग 3,000 है, जिसमें सरकारी और निजी क्षेत्र के कर्मचारी, कारोबारी और बड़ी संख्या में डॉक्टर शामिल हैं। श्री कृष्ण मंदिर का प्रबंधन ‘‘हिंदू पंचायत इस्लामाबाद ’’ देखेगा। पाकिस्तान में हिंदू सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय है। आधिकारिक अनुमानों के अनुसार, पाकिस्तान में 75 लाख हिंदू रहते हैं। हालांकि, समुदाय के अनुसार, देश में हिंदुओं की आबादी 90 लाख से अधिक है।

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